26 अगस्त 2019 - 13:01
बहरैन के शिया मुसलमानों के ख़िलाफ़ आले ख़लीफ़ा सरकार की नई साज़िश

बहरैनी सूत्रों से मिले समाचारों के अनुसार आले ख़लीफ़ा शासन ने एक षड्यंत्रकारी योजना बनाई है कि जिसके अनुसार बहरैन के हज़ारों शिया शिक्षकों को बहरैन की शिक्षा प्रणाली से किनारे किया जाएगा।

समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, बहरैन के अत्याचारी आले ख़लीफ़ा शसान एक ओर जहां यह प्रयास कर रहा है कि अपने देश में सऊदी अरब और मिस्र से नए शिक्षकों की भर्ती करे वहीं दूसरी ओर उसने इस षड्यंत्रकारी योजना के तहत अपने ही देश के हज़ारों शिया शिक्षकों को बहरैन की शिक्षा प्रणाली से बाहर करने की योजना बनाई है। हाल के दिनों में आले ख़लीफ़ा सरकार सऊदी अरब और मिस्र के सैकड़ों शिक्षकों का मेज़बान था और यह ऐसी स्थिति में है कि हज़ारों बहरैनी शिक्षक, देश में खाली पड़ी इन नौकरियों को भरने के लिए इंतेज़ार कर रहे हैं और ऐसा निश्चित माना जा रहा है कि इस योजना के तहत केवल बहरैनी शिया ही होंगे जिन्हें नौकरी से निकाला जाएगा।

इस बीच बहरैन के मुख्य विपक्षी दल अलवेफ़ाक़ ने आले ख़लीफ़ा सरकार की इस साज़िश पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अलवेफ़ाक़ ने आले ख़लीफ़ा शासन के इस चेतावनी दी है कि देश के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस तरह धार्मिक आधार पर शिक्षकों की भर्ती और निष्कासन एक भड़काऊ योजना है जो समाज को नष्ट कर देगी। अलवेफ़ाक़ ने कहा है कि एक अक्षम मंत्री या एक लाभार्थी इतने गंभीर मामले पर फ़ैसला नहीं ले सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि बहरैन के शिया मुसलमान बहुत कठिन परिस्थितियों में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अत्याचारी आले ख़लीफ़ा सरकार ने अब तक सैकड़ों बहरैनी शियों की नागरिकता समाप्त कर दी है उन्हें मृत्युदंड दिया है और गिरफ़्तार किया है।

ज्ञात रहे कि बहरैन में 14 फ़रवरी 2011 से आले ख़लीफ़ा शासन के अत्याचार के ख़िलाफ़ जनक्रान्ति जारी है। बहरैनी शासन ने पिछले आठ वर्षों के दौरान हज़ारों नागरिकों को निराधार आरोप में जेल में क़ैद किया। इनमें से कुछ को मौत की सज़ा दी गयी तो बहुत से लोगों की नागरिकता निरस्त कर दी गयी और उन्हें देशनिकाला दे दिया गया है।