बहरैन के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम ने ईरान के पवित्र शहर क़ुम के विश्वविद्यालय में बहरैन की स्थिति की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ईरान के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ सथ ईरान की शक्ति और क्षमताओं के दृष्टिगत ईरान की सीमाओं और सुरक्षा के बारे में कोई चिंता पैदा नहीं होगी और ईरान को इस समय केवल इस्लामी जगत की चिंता से केवल तकलीफ़ पहुंच रही है।
इस अवसर पर क़ुम विश्वविद्यालय के डीन अस्करी दीरबाज़ ने भी कहा कि इस्लाम के दुश्मन सेन्चुरी डील से संबंधित मनामा सम्मेलन आयोजित करके प्रतिरोध आंदोलन को नुक़सान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं जबकि दुश्मनों को जान लेना चाहिए कि वह अपने लक्ष्य में कभी भी सफल नहीं होंगे और बहरैन की अत्याचारग्रस्त जनता की आवाज़ पूरी दुनिया तक पहुंचती रहेगी।