तुर्किये के राष्ट्रपति ने अमरीका में एक बैठक में कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन करके उसको न्याय पर आधारित बनाया जाए।
इस पहले रजब तैयब अर्दोग़ान भारत में गुट-20 की बैठक में कहा था कि वे देश जहां पर इस्लामोफ़ोबिया बढ़ा है उनको चाहिए कि वे अपने यहां इस संबन्ध में नई नीतियां बनाकर उसका मुक़ाबला करें। उनका कहना था कि सबको यह जान लेना चाहिए कि हम पवित्र क़ुरआन के अनादर पर ख़ामोश नहीं बैठेंगे।
याद रहे कि हालिया महीनों के दौरान डेनमार्क और स्वीडन सहित कुछ यूरोपीय देशों में पवित्र क़ुरआन का सार्वजनिक स्थलों पर अनादर किया गया जिससे दुनिया भर के मुसलमानों के रोष पाया जाता है। डेनमार्क में तुर्किये के दूतावास के बाहर पवित्र क़ुरआन को जलाए जाने के विरोध में डेनमार्क के राजदूत को तलब करके अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।