हमने भारत और ईरान के बीच व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। बता दें कि ब्रिक्स समूह की 15वीं बैठक के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान ईरान के राष्ट्रपति हज्जतुल इस्लाम सैय्यद इब्राहिम रईसी ने लंबे समय से चले आ रहे सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा था। दो देशों के बीच हमेशा से ही मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। उनके बीच अच्छे राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध रहे हैं और अब भी हैं, लेकिन इन मैत्रीपूर्ण संबंधों के अनुरूप उनके बीच आर्थिक संबंध विकसित नहीं हो सके हैं। राष्ट्रपति रईसी ने कहा: ईरान और भारत के पास विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, ऊर्जा और पारगमन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की अच्छी क्षमताएं और आधार हैं।
साथ ही, उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने से दोनों देशों और दोनों देशों के हितों की पूर्ति हो सकती है। इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ब्रिक्स समूह में शामिल होने पर संतोष जताते हुए कहा कि इस समूह में ईरान की मौजूदगी इसकी गतिविधियों को अतिरिक्त ऊर्जा दे सकती है। भारत के प्रधान मंत्री ने दोनों देशों के बीच नागरिक और सांस्कृतिक संबंधों के रिकॉर्ड का उल्लेख करते हुए कहा कि वह दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को यथासंभव विस्तारित करने में रुचि रखते हैं।