24 जुलाई 2023 - 16:28
पवित्र क़ुरआन का अपमान अभिव्यक्ति की आज़ीदी नहीं 'आधुनिक अज्ञानता' है: राष्ट्रपति रईसी

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने एक बार फिर कुछ यूरोपीय देशों की सरकार द्वारा पवित्र क़ुरआन का अपमान करने वाले कट्टरपंथियों को हरी झंडी दिए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने स्वीडन में एक बार फिर पवित्र क़ुरआन का अनादर किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं यूरोपीय लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग के बिल्कुल विपरीत हैं। उन्होंने रविवार को तेहरान में कैबिनेट की बैठक में कहा, "भले ही यूरोपीय देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा करते हैं, लेकिन उन्होंने पवित्र क़ुरआन का अपमान करने की जो अनुमति दी है वह 'आधुनिक अज्ञानता' से ज़्यादा कुछ नहीं है।" राष्ट्रपति रईसी ने कहा, पवित्र क़ुरआन ने सभी प्रकार की अज्ञानता के ख़िलाफ़ लड़ने पर विशेष महत्व दिया है और इसी कारण अज्ञानता के झंडे उठाने वाले इस महान ग्रंथ के प्रति आक्रोशित रहते हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में जिस तरह इस्लाम धर्म फैल रहा है उसके देखते हुए यह विश्वास से कह सकते हैं कि एक दिन आएगा जब सभी लोग पवित्र क़ुरआन का अपमान करने वालों के बुरे, घृणित और निर्दयी इरादों से अवगत होंगे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रईसी ने यह बयान तब दिया जब स्वीडन में शरण लेने वाले कट्टरपंथी इराक़ी शरणार्थी सलवान मोमिका ने स्वीडिश सरकार के संरक्षण में दूसरी बार पवित्र क़ुरआन का अनादर किया है। मोमिका ने हाल ही में ईदे क़ुर्बान के पवित्र दिन स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने और पिछले गुरुवार को इराक़ी दूतावास के सामने पवित्र क़ुरआन का अनादर करने का घृणित कार्य अंजाम दिया है। उसके द्वारा अंजाम दिए गए इस घृणा भरे कार्य के दौरान, दोनों बार स्वीडिश पुलिस ने उसे कड़ी सुरक्षा प्रदान की। इस बीच डेनमार्क के इस्लाम विरोधी समूह "डांस्के पैट्रियट्स" ने पिछले शुक्रवार को कोपेनहेगन में इराक़ी दूतावास के सामने पवित्र क़ुरआन का अपमान किया था। यूरोपीय देशों में राज्य प्रायोजित पवित्र क़ुरान के अपमान के ख़िलाफ़ ईरान सहित मुस्लिम बहुल देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 


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