इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के कार्यालय के मुताबिक़, इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने बुधवार को मोहर्रम महीने की पूर्व संध्या पर धार्मिक केन्द्र के विद्वानों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहाः मोहर्रम के बारे में देश में शोध-आधारित प्रचारिक गतिविधियों की आवश्यकता वर्तमान की गतिविधियों से कहीं अधिक है।
उन्होंने क़ुरान की आयतों का हवाला देते हुए उपदेश और प्रचार के आयामों और सूक्ष्मताओं के बारे में कहाः सही उपदेश के बिना ईश्वर का धर्म, लोगों तक नहीं पहुंचाया जा सकता।
धार्मिक केन्द्रों में उपदेश और प्रचार की लंबे समय से चली आ रही परंपरा के महत्व की ओर इशारा करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहाः इस्लामी गणतंत्र की स्थापना के बाद, धार्मिक केन्द्रों की प्रचार की ज़िम्मेदारी दोगुना हो गई है, क्योंकि धर्म के आधार पर राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना से अहंकारियों की इस्लाम के प्रति दुश्मनी बढ़ गई है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने लोगों के विश्वास को इस्लामी व्यवस्था की स्थिरता का आधार बताया और कहाः व्यवस्था की सुरक्षा और वास्तव में लोगों के विश्वास की सुरक्षा, एक अनिवार्य कर्तव्य है, क्योंकि वर्तमान युग में ज्ञान, इंटरनेट और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस समेत प्रचार के नए तरीक़े ईजाद हो गए हैं। इसलिए अक़्ल कहती है कि दुश्मनों के प्रचार की ख़ूनी तलवारों के मुक़ाबले में प्रचार को प्राथमिकता हासिल होनी चाहिए।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस्लामी व्यवस्था के विरोधी मोर्चे के बारे में कि जो ख़ुद को उदार लोकतांत्रिक कहता है, कहाः ईरानी राष्ट्र का विरोधी मोर्चा, आज़ादी और स्वतंत्र सोच और हर उस व्यवस्था का विरोधी है, जो साम्राज्यवादियों पर निर्भर नहीं है। इस मोर्चे के ख़िलाफ़ ईरानी राष्ट्र और इस्लामी व्यवस्था का प्रतिरोध और संघर्ष, एक सभ्य और वैश्विक संघर्ष है।
वरिष्ठ नेता ने यूक्रेन के पीड़ित लोगों की स्थिति को पश्चिम की औपनिवेशिक सोच की निरंतरा का प्रमाण बताया और कहाः यूक्रेन के लोगों की जानें इसलिए जा रही हैं, क्योंकि इसमें पश्चिम के हथियारों का उत्पादन और बिक्री के हित निहित हैं।
उन्होंने कहा कि आज पश्चिम किसी भी समय से ज़्यादा कमज़ोर है। अमरीका राजनीति, राष्ट्रों के साथ टकराव, स्वयं अमरीकी राष्ट्र के साथ टकराव, नस्लवाद, यौन नैतिकता, अपराध और क्रूरता के विभिन्न क्षेत्रों में शैतानों और बुराइयों का एक संग्रह है।
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