मंगलवार को एक ईरानी टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में राष्ट्रपति रईसी ने कहाः हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि हम देश को प्रतिबंधों के मुक़ाबले में इतना शक्तिशाली बना दें कि फिर उनका कोई प्रभाव न रहे।
ग़ौरतलब है कि 2015 में ईरान और गुट 5+1 के बीच परमाणु समझौते के बावजूद, 2018 में अमरीका इस समझौते से बाहर निकल गया था और उसने तेहरान के ख़िलाफ़ कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।
जो बाइडन के अमरीका का राष्ट्रपति बनने के बाद, वाशिंगटन ने परमाणु समझौते में वापसी की इच्छा जताई तो ईरान विरोधी प्रतिबंधों को हटाए जाने के लिए वार्ता एक फिर शुरू हुई। लेकिन कुछ ही दिन बाद यह फिर से रुक गई, क्योंकि अमरीका ने दोबारा समझौते से बाहर नहीं निकलने की गारंटी देने से इंकार कर दिया था।
राष्ट्रपति रईसी का कहना था कि हम हर उस देश के साथ सहयोग करने को तैयार हैं, जो परस्पर सम्मान पर आधारित संबंध रखना चाहता है। लेकिन अगर अमरीका की तरह कोई देश हमसे दुश्मनी रखेगा, तो हम उसके ख़िलाफ़ प्रतिरोध करेंगे।
उन्होंने सऊदी अरब की मिसाल देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच समस्त मतभेदों के बावजूद, तेहरान ने रियाज़ को कभी अपना दुश्मन नहीं माना। msm
342/