इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से, ईरान ने लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में निकारागुआ, क्यूबा, वेनेज़ुएला और बोलीविया जैसे कुछ देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित किए हैं। इन लैटिन अमेरिकी देशों का संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में फल-फूल रहे साम्राज्यवाद और वैश्विक अहंकार से लड़ने का एक लंबा इतिहास रहा है। साथ ही वेनेज़ोएला, क्यूबा और निकारागुआ हमेशा इस्लामी गणतंत्र ईरान के साथ अपने संबन्धों को अधिक से अधिक विस्तृत करने पर बल देते आए हैं। हाल के वर्षों में, ईरान और लैटिन अमेरिका के प्रगतिशील देशों के बीच संबंध मज़बूत होते जा रहे हैं। इन संबंधों का राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, ऊर्जा, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि तेहरवीं सरकार के कार्यकाल के आरंभ से ही लैटिन अमरीकी देशों और ईरान के बीच कूटनयिकों का आना-जाना शुरू हो चुका था। सैयद इब्राहीम रईसी की सरकार ने एक बार फिर से लैटिन अमरीकी देशों की ओर अपने ध्यान को तेज़ी से केन्द्रित किया है। इससे ईरान को अलग-थलग करने के अमरीकी प्रयास को विफल बनाया जा सकता है और साथ अमरीका की एकपक्षीय वर्चस्ववादी नीतियों का खुलकर विरोध किया जा सकता है। (RZ)
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