फ़िलिस्तीन अलयौम की रिपोर्ट के अनुसार इस हमले का जवाब देते हुए फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं ने फ़ायरिंग करके बलाता कैंप में घुसने वाले इस्राईली सैनिकों को निशाना बनाया।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बलाता कैंप में ज़ायोनी सैनिकों ने एक घर का घेराव किया किन्तु फ़िलिस्तीनियों की नाब्लस बटालियन की जवाबी कार्यवाही और फ़ायरिंग के बाद इस्राईली सैनिक पीछे हटने पर मजबूर हो गये।
उधर फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के संयुक्त आप्रेश्नल हेडक्वाटर ने बीमार फ़िलिस्तीनी वलीद दिक़्क़ा की ख़राब शारीरिक स्थिति पर सचेत किया है। 60 वर्षीय यह फ़िलिस्तीन 1986 से इस्राईल की जेल में बंद है। इस फ़िलिस्तीनी को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गयी थी जिसे फिर 37 साल की जेल की सज़ा में बदल किया गया और 2018 में उसकी क़ैद की सज़ा में 2 साल और वृद्धि कर दी गयी। (AK)
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