AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शुक्रवार

12 मई 2023

2:37:01 pm
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ईरान और सऊदी अरब की बढ़ती दोस्ती से घबराया अमेरिका, लगाए आरोप।

हालाँकि अमेरिकी अधिकारीयों ने सार्वजनिक रूप से ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते बहाल होने का समर्थन किया है लेकिन ऐसी कंफर्म रिपोर्ट भी हैं कि जो बाइडन सरकार के कई अधिकारी इस समझौते से बिलकुल भी खुश नहीं हैं ख़ास कर इसलिए भी कि यह समझौता चीन की कोशिशों से हुआ है।

सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते बहाल होने के साथ ही यमन में भी शांति की उम्मीद बढ़ने लगी है और इस बात ने अमेरिका को परेशान कर दिया है। 

यमन में सभी पक्षों के बीच सुलह शांति की बढ़ती उम्मीदों के बीच एक बार अमेरिका ने इसका ज़िम्मेदार ईरान सऊदी समझौते को मानते हुए इस समझौते को ही खत्म करने की डिप्लोमेटिक साज़िशें शुरू कर दी हैं। 

इस बार यह ज़िम्मा संभाला है यमन मामलों के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि टिमोथी लैंडरकिंग ने। इस अमेरिकी राजनयिक ने ईरान पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि सऊदी अरब से समझौते के बावजूद ईरान बड़ी तादाद में यमन में हथियार और ड्रग्स पहुंचा रहा है। 

दुनियाभर में युद्ध और आतंकवाद की आग भड़काने वाले अमेरिका के राजनयिक ने कहा कि यमन संघर्ष के दौरान ईरान पहले की ही तरह हथियार और ड्रग्स सप्लाई कर रहा है हालाँकि अब उसका सऊदी अरब से समझौता हो चुका है और इस समझौते के बहुत से फयदे हैं लेकिन वह अब भी यमन को हथियार और ड्रग्स सप्लाई कर रहा है। ऐसे हालात में हमे उस पर कड़ी नज़र रखना होगी। 

हालाँकि अमेरिकी अधिकारीयों ने सार्वजनिक रूप से ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते बहाल होने का समर्थन किया है लेकिन ऐसी कंफर्म रिपोर्ट भी हैं कि जो बाइडन सरकार के कई अधिकारी इस समझौते से बिलकुल भी खुश नहीं हैं ख़ास कर इसलिए भी कि यह समझौता चीन की कोशिशों से हुआ है। 

वाल स्ट्रीट जर्नल ने पिछले महीने ही एक रिपोर्ट करते हुए दावा किया था कि अमेरिका की बदनाने ज़माना ख़ुफ़िया एजेंसी सीआई के प्रमुख इस समझौते से बेहद नाराज़ थे और उन्होंने अपनी नाराज़गी के बारे में सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान को बताया भी था। 

वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक़ सीआई प्रमुख विलियम ने बिन सलमान से कहा था कि पश्चिमी दुनिया की पाबंदियों का सामना कर रहे ईरान और सीरिया से सऊदी अरब के रिश्ते बहाल करने की ख़बरों से अमेरिका को गहरा झटका लगा है। 

कई विशेषज्ञों ने चीन की राजधानी बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब के बीच हुए समझौते को अमेरिका की दादागिरी के खातमें और अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के एक नए युग की शुरुआत माना है।