हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने आज ट्वीट किया कि अरब इमारात और बहरैन में ज़ायोनी शासन के दूतावासों का खुलना इस बात का सूचक है कि इन दोनों देशों के शासकों ने बच्चों के हत्यारे जायोनी शासन से अपने भविष्य को जोड़ लिया है।
उन्होंने आगे लिखा कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के मुकाबले में तेलअवीव को मुंह की खानी पड़ी इसके बावजूद इमारात और बहरैन में इस्राईल के दूतावास का खुलना इस बात का सूचक है कि इन दोनों देशों के शासकों के पास सही समझ नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों में संसद सभापति के विशेष सलाहकार ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में इस्राईल का क्षेत्र में कोई महत्व नहीं होगा।
ज्ञात रहे कि जायोनी शासन के विदेशमंत्री ने अपनी हालिया इमारात यात्रा के दौरान अबूधाबी में जायोनी शासन के दूतावास का उद्घाटन किया था।