अलअरबिया वेबसाइट के मुताबिक़, सऊदी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में आया हैः सऊदी अरब, इस्राईल के क़ुद्स में फ़िलिस्तीनियों से घर ख़ाली कराने और वहाँ अपना शासन थोपने की योजना को स्वीकार नहीं करता।
सउदी विदेश मंत्रालय के बयान में आया है कि रियाज़ अतंर्राष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करने वाली एकपक्षीय कार्यवाही और हर उस कार्यवाही की निंदा करता है जिससे शांति प्रक्रिया दोबारा शुरू करने में रुकावट आए और क्षेत्र की सुरक्षा व शांति ख़तरे में पड़े।
सऊदी सरकार ने दावा किया कि वह फ़िलिस्तीनी जनता के साथ है और फ़िलिस्तीन के मामले के न्यायपूर्ण हल तक पहुंचने की सभी कोशिश का समर्थन करती है।
पिछले कुछ दिनों से अतिवादी ज़ायोनी, फ़ौजियों की मदद से मस्जिदुल अक़्सा में नमाज़ पढ़ने वाले फ़िलिस्तीनियों पर हमले करके उन्हें धार्मिक कर्तव्य को अंजाम देने से रोक रहे हैं, जिसकी वजह से फ़िलिस्तीनियों और ज़ायोनियों में भीषण झड़पें छिड़ गयीं। इन झड़पों में सैकड़ों फ़िलिस्तीनी घायल हुए।
पिछरी रात को फ़िलिस्तीनी मस्जिदुल अक़्सा में साल की सबसे अहम रात शबे क़द्रे की विशेष इबादत करने गए थे कि ज़ायोनियों ने उन पर पलास्टिक की गोलियों से हमला कर दिया जिसमें कम से कम 100 फ़िलिस्तीनी घायल हुए।