AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
सोमवार

14 सितंबर 2020

2:29:00 pm
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इस्राईल से संबंध स्थापना के ख़िलाफ़ बहरैनी जनता का विशाल प्रदर्शन, इस्लामी आंदोलन के नेता शैख़ ईसा क़ासिम ने भी कड़ी आपत्ति जताई

बहरैन के लोगों ने एक व्यापक प्रदर्शन करके ज़ायोनी शासन के साथ आले ख़लीफ़ा द्वारा संबंध सामान्य किए जाने का विरोध किया है।

अलमनार टीवी की रिपोर्ट के अनुसार भारी संख्या में पुलिस व सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद बहरैन के लोग सड़कों पर निकल आए और उन्होंने इस्राईल से संबंध स्थापित करने के आले ख़लीफ़ा सरकार के  फ़ैसले का कड़ा विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे फ़िलिस्तीनी जनता के सभी अधिकार उसे मिल जाने तक उसके साथ खड़े हैं। बहरैन के प्रदर्शनकारियों ने "इस्राईल मुर्दाबाद" और "अमरीका मुर्दाबाद" के नारे लगाए और अमरीका व इस्राईल के ध्वजों में आग लगा दी

 

उधर बहरैन के इस्लामी आंदोलन के नेता आयतुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम ने भी एक बयान जारी करके ज़ायोनी शासन के साथ संबंध स्थापित करने के बहरैनी सरकार के फ़ैसले की निंदा की है और इसे एक मनहूस क़दम बताया है। उन्होंने ज़ायोनी शासन के साथ आले ख़लीफ़ा सरकार की सांठ-गांठ की निंदा की और कहा कि यह सरकार अमरीका व इस्राईल के आदेशों का पालन करके राष्ट्रों पर उनके अधिक वर्चस्व का मार्ग समतल करने की कोशिश कर रही है।

 

आयतुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम ने अपने बयान में कहा है कि कल इमारात, आज बहरैन और कल कोई तीसरा और चौथा देश, ज़ायोनी दुश्मन से संबंध सामान्य बनाने के दलदल में फंसेगा और इसकी वजय शासकों व जनता की सोच, भावना, लक्ष्यों और हितों में बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि सरकारों की भावनाएं मर चुकी हैं और वे आत्मिक रूप से मर चुकी हैं और वे अपनी जनता को भी इसी तरह बनाना चाहती हैं लेकिन जनता को इसके मुक़ाबले में प्रतिरोध करना चाहिए।