25 दिसंबर 2025 - 13:08
इस्लामी मूवमेंट का अहम स्तंभ थे आयतुल्लाह मीलानी 

आयतुल्लाह मीलानी आध्यात्मिक, नैतिक, इल्मी और सामाजिक व राजनीतिक निगाह से एक संपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे और वास्तव में मशहद का धार्मिक शिक्षा केंद्र उनका ऋणी है।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज्मा ख़ामनेई ने आयतुल्लाह सय्यद मोहम्मद हादी मिलानी की याद में आयोजित सम्मेलन के आयोजकों से मुलाकात में इस महान  इल्मी और आध्यात्मिक शख्सियत को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि आयतुल्लाह मीलानी आध्यात्मिक, नैतिक, इल्मी और सामाजिक व राजनीतिक निगाह से एक संपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे और वास्तव में मशहद का धार्मिक शिक्षा केंद्र उनका ऋणी है।
आयतुल्लाह खामेनेई ने आयतुल्लाह मीलानी की व्यक्तिगत विशेषताओं का उल्लेख करते हुए उन्हें प्रतिष्ठा, गरिमा, विनम्रता और मित्रों के साथ निष्ठा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इल्मी मैदान में वह एक उच्च स्तरीय विद्वान थे जिन्होंने अल्लामा नाईनी और शेख़ मोहम्मद हुसैन इस्फ़हानी जैसे महान शिक्षकों से इल्म हासिल किया और अपने इल्मी काम से काबिल शागिर्दों की एक बड़ी पीढ़ी तैयार की।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज्मा ख़ामनेई ने कहा कि आयतुल्लाह मीलानी 1960 के दशक की शुरुआत में इस्लामी आंदोलन के शुरुआत के समय से ही उसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक थे। इमाम ख़ुमैनी की गिरफ़्तारी के बाद उन्होंने अन्य उलमा के साथ तेहरान की यात्रा की और इमाम की तुर्की निर्वासन के बाद उनके समर्थन में जो पत्र लिखा, वह आज भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज़ का दर्जा रखता है।
आयतुल्लाह खामेनेई नेकहा कि आयतुल्लाह मीलानी विभिन्न राजनीतिक समूहों से संपर्क में रहने के बावजूद किसी विशेष राजनीतिक गुट से जुड़ने से सख्ती से बचते थे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन के जरिए जनता आयतुल्लाह मीलानी की शख्सियत के विभिन्न पहलुओं से बेहतर ढंग से परिचित हो सकेगी।
इस सम्मेलन की शुरुआत में आस्ताने क़ुद्से रज़वी के ट्रस्टी हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मरवी ने इस सम्मेलन के उद्देश्यों, इल्मी समितियों के काम और मशहद व करबला-ए मोअल्ला में आयोजित सत्रों के बारे में रिपोर्ट पेश की।

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