25 दिसंबर 2025 - 12:44
अमेरिका बातचीत नहीं, समर्पण चाहता है और यह कभी नहीं होगा 

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने अमेरिकी प्रतिनिधि द्वारा ईरान के यूरेनियम संवर्धन को शून्य प्रतिशत तक लाने की मांग को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे डिप्लोमेसी की आड़ में छुपी धमकी करार दिया है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने अमेरिकी प्रतिनिधि के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें गैर-राजनयिक और अवास्तविक बताया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर जारी एक बयान में ईरानी प्रतिनिधि ने कहा कि शून्य प्रतिशत संवर्धन की मांग, अल्टीमेटम और राजनयिक शब्दों में लिपटा दबाव किसी भी तरह से बातचीत नहीं कहलाया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह का रवैया किसी सार्थक समझौते तक पहुंचने की इच्छा नहीं, बल्कि ईरान को हथियार डालने पर मजबूर करने की कोशिश दिखाता है।
ईरानी प्रतिनिधि ने राजनयिक मोर्चे पर अमेरिका की साख पर सवाल उठाते हुए कहा कि वाशिंगटन अब कूटनीति के लिए भरोसेमंद नहीं रह गया है। बयान में कहा गया कि अमेरिकी प्रशासन ने खुद खुलकर स्वीकारा है कि वह इस्राईल की ईरान के खिलाफ जंग को संभव बनाने और उसमें पूरी तालमेल बैठाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
अपने बयान के अंत में ईरानी प्रतिनिधि ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईरान का रुख किसी ताकत के घमंड पर नहीं बल्कि पूरी तरह कानून की सर्वोच्चता पर आधारित है। तेहरान ने विश्व समुदाय के सामने साफ कर दिया है कि वह कानून के दायरे में रहकर अपने परमाणु अधिकारों से किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगा।

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