ईरानी संसद के प्रमुख मोहम्मद बाकिर कालीबाफ़ ने मध्य पूर्व में जारी अशांति का मुख्य कारण अमेरिका को बताते हुए कहा कि क्षेत्र की सभी समस्याएँ और अस्थिरता अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण हैं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस्लामी और क्षेत्रीय देशों को अमेरिकी और ज़ायोनी आक्रमण के ख़िलाफ़ एकजुट होना होगा स्विट्जरलैंड में छठे अंतर्राष्ट्रीय स्पीकर सम्मेलन के दौरान अपने तुर्क समकक्ष से बैठक में उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियाँ बेहद संवेदनशील हैं और हर पल नई चुनौतियाँ उभर रही हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के कारण है।
उन्होंने ईरान और तुर्की के बीच घनिष्ठ संबंधों को क्षेत्रीय मज़बूती के लिए महत्वपूर्ण बताया और हाल ही में हुए 12-दिवसीय ईरान-अमेरिकी,ज़ायोनी युद्ध में तुर्की के खुले समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
कालीबाफ़ ने कहा कि ईरानी जनता और सेना ने ज़ायोनीवादियों का बहादुरी से विरोध किया है, इतिहास में पहली बार उन्हें कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि विभाजित क्षेत्र, विशेष रूप से सीरिया में, ज़ायोनी शासन नाज़ियों की तरह देशों को तोड़ने में बहुत रुचि रखता है। नेतन्याहू न केवल नरसंहार और विनाश का सहारा ले रहा है, बल्कि युद्ध के हथियार के रूप में भूख और प्यास जैसी रणनीति का भी उपयोग कर रहा है।
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