27 जुलाई 2025 - 14:34
ईरान ने अदालत के आदेश पर दो आतंकियों को फांसी पर लटकाया 

बहरोज़ को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह ज़मीनी रास्ते से तुर्की भागने की कोशिश कर रहा था। सुरक्षा बलों ने समय रहते एक अभियान में उसे हिरासत में ले लिया। उसके पास से हथियार, गोला-बारूद, हथियार बनाने के उपकरण और चेहरा बदलने वाले उपकरण भी ज़ब्त किए गए।

ईरानी न्यायपालिका के आदेश के अनुसार, राष्ट्र-विरोधी आतंकवादी संगठन के दो सक्रिय आतंकवादियों को फाँसी दे दी गई है। दोनों पर प्रतिबंधित हथियार बनाने और उनका इस्तेमाल नागरिकों के घरों, शैक्षणिक संस्थानों, कल्याण केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाने के लिए करने का आरोप था।

आधिकारिक बयान के अनुसार, महदी हसनी पुत्र हुसैन, जिसका कोड नाम "फर्डिन" था, और बेहरोज़ एहसानी इस्लाम लौ पुत्र जमशेद अली, जिसका कोड नाम "बेहज़ाद" था, लंबे समय से आतंकवादी संगठन की गतिविधियों को संचालित करने में शामिल थे। दोनों ने रॉकेट दागने वाले हथियार बनाए और उनका इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में गोले दागने के लिए किया, जिससे निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुँचा।

दोनों आतंकी जनता में भय फैलाने, शांति-व्यवस्था को भंग करने और सरकारी संस्थानों को निशाना बनाने में शामिल थे। उनके द्वारा बनाए गए हथियारों से कई घरों, कार्यालयों, शैक्षणिक केंद्रों और कल्याण संस्थानों को नुकसान पहुँचा। दोनों की गिरफ्तारी के बाद गंभीर मामले दर्ज किए गए।

अदालती दस्तावेज़ों के अनुसार, महदी हसनी कई वर्षों से इस आतंकवादी संगठन से जुड़ा था, जबकि बहरोज़ इस्लाम लौ 1980 के दशक से ही इस संगठन का सदस्य था। जेल से रिहा होने के बाद भी, वह फिर से उन्हीं गतिविधियों में शामिल था।

दोनों संदिग्धों ने राजधानी में एक गुप्त ठिकाना बना रखा था जहाँ वे हथियार बनाते थे, आतंक फैलाने की योजनाएँ बनाते थे और संगठन के संदेश और वीडियो बाहरी नेटवर्कों को भेजते थे।

बहरोज़ इस्लाम लौ को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह ज़मीनी रास्ते से तुर्की भागने की कोशिश कर रहा था। सुरक्षा बलों ने समय रहते एक अभियान में उसे हिरासत में ले लिया। उसके पास से हथियार, गोला-बारूद, हथियार बनाने के उपकरण और चेहरा बदलने वाले उपकरण भी ज़ब्त किए गए।

दोनों संदिग्धों पर राजद्रोह, आतंकवादी संगठन की सदस्यता, देश के खिलाफ जासूसी, सार्वजनिक संपत्ति पर हमले और निर्दोष नागरिकों की जान को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। लंबी अदालती प्रक्रिया और दोष साबित होने के बाद उन्हे मौत की सजा सुनाई गई थी। 

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