इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर विलयाती ने प्रस्तावित ज़ंगेज़ुर कॉरिडोर को एक गहरी भू-राजनीतिक साज़िश बताटे हुए कहा कि यह परियोजना ईरान की सुरक्षा और प्रतिरोध मोर्चे को कमज़ोर करने के लिए बनाई गई अमेरिका और ज़ायोनी लॉबी की साजिश है।
विलयाती ने अपने बयान में कहा कि ईरान के दुश्मन ईरान की ऐतिहासिक एकता, इस्लामी सभ्यता और काकेशस और मध्य एशिया में उसके सांस्कृतिक प्रभाव से भयभीत हैं। उनके अनुसार, यही ताकतें देश की सुरक्षा को अंदर से कमज़ोर करने के लिए ईरानी पहचान की जड़ों को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि ज़ंगेज़ुर कॉरिडोर जैसी परियोजनाएँ वास्तव में इस क्षेत्र में ईरान के ज़मीनी संपर्कों को काटने, रूस के साथ उसकी भौगोलिक पहुँच को सीमित करने और प्रतिरोध मोर्चे को कमज़ोर करने के लिए बनाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान ने समय रहते इन इरादों को भांपते हुए सीमाओं पर सैनिकों को तैनात किया और बल प्रयोग किया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि राष्ट्रीय सुरक्षा ईरान के लिए एक अटल रेड लाइन है।
विलायती ने अज़रबैजान के लोगों और शेख सफीउद्दीन अर्देबिली की वैज्ञानिक और आध्यात्मिक सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि अज़रबैजान आज भी ईरानी इस्लामी पहचान, आस्था, प्रतिरोध और राष्ट्रीय एकता का गढ़ है।
उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र अपनी ऐतिहासिक विरासत और अपने नेताओं की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, पहले की तरह दुश्मन की हर साजिश को नाकाम करेगा और एकता, जागरूकता और आस्था के माध्यम से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करता रहेगा।
आपकी टिप्पणी