अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और गवर्नर्स बॉडी को ईरान पर अमेरिकी समर्थित ज़ायोनी शासन के हमलों मे बराबर का भागीदार बताते हुए रूस के अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार विक्टर रायोसकी ने कहा कि यह दोनों संस्थाएं इस युद्ध की आग को भड़काने मे अहम भागीदार हैं वहीं संयुक्त राष्ट्र भी अपनी ज़िम्मेदारियाँ सही से नहीं निभा पा रहा ।
रूस के इस विख्यात अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार ने कहा कि तेहरान पर हमला अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है । इस्राईल तेहरान पर हमलों का कोई भी औचित्य पेश नहीं कर सकता न ही उसके पास इन हमलों की कोई दलील और बहाना है।
उन्होंने कहा कि कल के साम्राज्यवादी देश, मतलब ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी आज भी अवैध राष्ट्र के ऐसे बर्बर हमलों और अतिक्रमण का समर्थन कर रहे हैं। जबकि यही देश इस्राईल और उसके परमाणु हथियारों की सच्चाई पर आँखें मूँदे हुए हैं ।
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