पहलगाम मे हुए आतंकी हमलों के जवाब मे भारत की जवाबी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारत लाँचर पैड के बजाए इस बार आतंकियों के मुख्य ठिकानों को निशाना बना सकता है । खुफिया एजेंसियों के इनपुट्स को देखते हुए संकेत मिल रहे हैं कि भारत की पहली कार्रवाई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नहीं, बल्कि पंजाब प्रांत के मुरीदके शहर में हो सकती है। यहीं से 26/11, पठानकोट और हालिया पहलगाम हमले जैसे आतंकी अभियानों की रणनीति बनी। माना जाता है कि यहां लश्कर के टॉप लीडर हाफिज सईद, सैफुल्लाह, हाशिम मूसा और पाक आर्मी के अफसरों की नियमित आवाजाही होती है।
एनआईए की जांच में सामने आया है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की योजना 2 फरवरी को रावलकोट में हुई एक मीटिंग में बनी थी। इसमें लश्कर और जैश के कई आतंकी मौजूद थे। इसके बाद मार्च में मुरीदके के मुख्यालय में एक और बैठक हुई, जिसमें सैफुल्लाह, ISI अधिकारी और पाकिस्तानी सेना के प्रतिनिधि शामिल हुए। यहीं पर हाशिम मूसा और तलह को हमले की जिम्मेदारी दी गई थी।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक बयान में कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ खुला युद्ध नहीं करना चाहिए, लेकिन आतंकियों को लादेन की तरह घर में घुसकर खत्म करना चाहिए। इस बयान को रणनीतिक रूप से देखा जाए तो ये संकेत है कि अमेरिका भी चाहता है कि भारत सीधे आतंकियों के गढ़ पर प्रहार करे, न कि पूरे पाकिस्तान से लड़ाई छेड़े।
आपकी टिप्पणी