ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईरान अमेरिका के बीच हुई अप्रत्यक्ष वार्ता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम इस इस वार्ता को लेकर न तो बहुत उम्मीदवार हैं और न ही मायूस हैं।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने ईरान की कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के अधिकारियों से मुलाकात में कहा कि ओमान वार्ता विदेश मंत्रालय के दर्जनों कार्यों में से एक है। इस बातचीत में घरेलू मुद्दों को न जोड़ें। हम इन वार्ताओं के बारे में न तो अति आशावादी हैं और न ही अति निराशावादी। अंततः, यह एक प्रक्रिया और पहल है जिस पर निर्णय लिया गया है और प्रथम चरण में यह सकारात्मक रही है। बेशक, हम दूसरे पक्ष के बारे में बहुत उम्मीद नहीं रखते लेकिन हम अपनी क्षमताओं के बारे में बहुत आशावादी हैं।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने देश के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि देश की समस्याओं को इन वार्ताओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और परमाणु समझौते में की गई गलती यहां नहीं दोहराई जानी चाहिए। जेसीपीओए युग के दौरान, हमने देश को शर्तों के अधीन कर दिया और सब कुछ वार्ता की प्रगति पर निर्भर कर दिया। जब निवेशक देखेंगे कि देश बातचीत से संचालित हो रहा है, तो वे निवेश नहीं करेंगे।
आपकी टिप्पणी