13 अप्रैल 2025 - 17:37
इस्राईल की अर्थव्यवस्था का जनाज़ा निकला, 1700 करोड़पति देश छोड़कर भागे 

 यदिऊत अहारोनोत ने अक्टूबर 2023 में गज़्ज़ा युद्ध शुरू होने के बाद हाईटेक क्षेत्रों में कुशल इंजीनियरों और विशेषज्ञों के प्रवास में चिंताजनक वृद्धि की सूचना दी थी।

गज़्ज़ा मे ज़ायोनी सेना के जनसंहार और युद्ध के कारण खुद अवैध राष्ट्र की हालत दयनीय है । युद्ध और आर्थिक संकट के कारण इस्राईल की अर्थव्यवस्था का जनाज़ा निकल रहा है पिछले वर्ष कम से कम 1 हज़ार 700 करोड़पतियों ने इस्राईल छोड़ दिया है।

ज़ायोनी समाचार पत्र यदिऊत अहारोनोत ने एमीग्रेशन एक्सपर्ट अंतर्राष्ट्रीय फर्म हेनले एंड पार्टनर्स, तथा वैश्विक संपत्ति डेटा का विश्लेषण करने वाली कंपनी न्यू वर्ल्ड वेल्थ के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मक़बूज़ा फिलिस्तीन में धनी लोगों की आबादी में उल्लेखनीय गिरावट आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में, तल अवीव और हर्ज़लिया शहरों में लगभग 22 हज़ार 600 करोड़पति रहते थे, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 24 हज़ार 300 लोगों से अधिक हो गया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि पिछले वर्ष कम से कम 1700 करोड़पति मक़बूज़ा क्षेत्रों को छोड़ चुके हैं।

कंपनी ने सीधे तौर पर धनी लोगों के इस्राईल  से पलायन के कारणों का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन हाल के महीनों में आई अनेक रिपोर्टों से पता चला है कि गज़्ज़ा युद्ध तथा इसके आर्थिक और सुरक्षा परिणामों की वजह से पूंजीपतियों और धनी ज़ायोनी नागरिकों के पलायन की लहर तेज हो गई है।

7 अक्टूबर 2023 से, गज़्ज़ा मे अमेरिका द्वारा समर्थित ज़ायोनी सैन्य हमलों के परिणामस्वरूप 1 लाख 66 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, साथ ही 11 हज़ार से अधिक लोग लापता हैं जबकि नागरिक बुनियादी ढांचे बड़े पैमाने पर तबाह हुए हैं।

 यदिऊत अहारोनोत ने अक्टूबर 2023 में गज़्ज़ा युद्ध शुरू होने के बाद हाईटेक क्षेत्रों में कुशल इंजीनियरों और विशेषज्ञों के प्रवास में चिंताजनक वृद्धि की सूचना दी थी।

इस्राईल इनोवेशन अथॉरिटी द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, युद्ध शुरू होने से लेकर जुलाई 2024 तक इस उद्योग में लगभग 8 हज़ार 300 कर्मचारी मक़बूज़ा क्षेत्रों को छोड़ चुके हैं। यह आंकड़ा इस्राईल के हाईटेक क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के 2.1 प्रतिशत के बराबर है।

आधिकारिक संस्था ने चेतावनी दी कि ये आंकड़े "बहुत चिंताजनक" हैं और 2025 के लिए इस्राईल के तकनीकी उद्योग के लिए नौकरी बाजार के दृष्टिकोण पर अनिश्चितता पैदा करते हैं।

इस्राईल के बिजनेस अखबार "डिमार्कर" की एक रिपोर्ट के अनुसार,  मक़बूज़ा क्षेत्रों के अंदर स्थित लक्ष्यों पर यमनी सशस्त्र बलों द्वारा मिसाइल हमलों की नई लहर का इस्राईल के दैनिक जीवन और अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष और ठोस प्रभाव पड़ा है।

डेमार्कर लिखता है: चूंकि गज़्ज़ा पट्टी पर इस्राईल के हमले जारी हैं, इसलिए ज़ायोनी समाज को अब अपने राजनीतिक और सैन्य निर्णयों के परिणामों का सामना करना पड़ रहा है और उसे लगता है कि इन निर्णयों की कीमत उसे अपनी जेब से चुकानी होगी।

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
टिप्पणीसंकेत
captcha