12 अप्रैल 2025 - 21:34
मोमिन का मक़ाम

जिस हालत मे भी मौत आ जाए और जिस घड़ी भी उसकी रूह कब्ज हो वह शहीद है ।

قال امیرالمؤمنين علیه السلام:

المؤمنُ على أيِّ حالٍ ماتَ، و في أيِّ ساعَةٍ قُبِضَ، فهُو شَهيدٌ.

بحارالانوار، ج 68، ص 140، ح 82

.अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स 

मोमिन को जिस हालत मे भी मौत आ जाए और जिस घड़ी भी उसकी रूह कब्ज हो वह शहीद है। 

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