पाकिस्तान के सबसे मशहूर उलमा में शामिल अहले सुन्नत मुफ़्ती तक़ी उस्मानी ने अवैध राष्ट्र इस्राईल के खिलाफ जिहाद का फतवा दिया है जिसका मिस्र जैसे इस्राईल अमेरिकी नवाज़ मुस्लिम देश ने कड़ा विरोध किया है।
पाकिस्तान के फेमस इस्लामी विद्वान और फेडरल शरीयत कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मुफ्ती मुहम्मद तकी उस्मानी ने कहा है कि इस्राईल के खिलाफ सैन्य "जिहाद" सभी मुस्लिम सरकारों की एक जरूरी ड्यूटी है। उनके इस बयान का काफी विरोध भी हो रहा है। मिस्र ने इस फतवे को गैर जिम्मेदाराना करार दिया है।
इस्लामाबाद में नेशनल फिलिस्तीन कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उस्मानी ने कहा कि मुस्लिम देश क़ुद्स में अल-अक्सा मस्जिद की हिफाजत के लिए लड़ने वालों को भरपूर समर्थन देने में नाकामयाब रहे हैं। उन्होंने कहा कि "अगर मुस्लिम देश जिहाद में शामिल नहीं होते तो उनकी सेनाओं का क्या इस्तेमाल है?"
उन्होंने कहा कि जो मुसलमान उमरह पर जाना चाहते हैं, उन्हें अपना पैसा फिलिस्तीनी रजिस्टेंस का समर्थन करने पर खर्च करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा,"हम एक साल पहले भी इसी सम्मेलन हॉल में फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एकत्र हुए थे, फिर भी, तब से लेकर अब तक हमने केवल सम्मेलन ही किए हैं, कोई वास्तविक कार्रवाई नहीं की है।
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