ईरान की परमाणु प्रौद्योगिकी की 19वीं राष्ट्रीय वर्षगांठ के अवसर पर, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख और राष्ट्रपति के सलाहकार मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि "इस्लामी क्रांति का मार्ग पारदर्शिता, स्पष्टता, गरिमा, सम्मान, विश्वसनीयता और अधिकार का मार्ग है।" इस्लामी क्रांति ने स्वतंत्रता, आजादी और इस्लामी गणतंत्र के नारे के साथ इमाम खुमैनी के नेतृत्व में अपना आधार निर्धारित किया है और दृढ़ता से इस पर आगे बढ़ रहा है।
परमाणु ऊर्जा के उपयोग पर एकाधिकार की पश्चिमी नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वे ऐसे देश को बर्दाश्त नहीं कर सकते जो स्वतंत्र हो और उनके आदेशों और नीतियों का पालन न करता हो, तथा जो विज्ञान और सत्ता के केंद्र में नेतृत्व के लिए उनकी योजना पर सवाल उठाता हो।
अल्लाह के क्रम से ईरान को रोकने के उनके सभी कार्य और प्रयास विफल हो गए हैं, और वो आतंकी हरकतों और विरोधों से कभी कोई परिणाम प्राप्त नहीं कर पाए हैं, और वे कभी भी ऐसा करने में सक्षम नहीं होंगे। पश्चिमी देश चाहते हैं कि संवर्धन एक ऐसा उद्योग बने जिस पर उनका एकाधिकार हो और उनका मानना है कि उन्हें दुनिया के किसी भी देश को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
आपकी टिप्पणी