26 फ़रवरी 2025 - 13:52
क़यामत के दिन अपने बच्चों को क़ुरान सिखाने वालों को मिलेगा बेशुमार सवाब

यह वह इंसान है जिसने दिन को प्यास और रात को बेदारी की हालत में गुजारा, मैंने इसकी आरजू और तमन्नाओं को तेरी रहमत और बख्शीश से वाबस्ता किया, लिहाजा ऐ मेरे अल्लाह....

ईरान के विश्व विख्यात धर्मगुरु आयतुल्लाह जवादी आमुली ने "कुरान और दीनी अहकाम को पढ़ाने का सवाब" विषय पर बोलते हुए कहा कि बच्चों को कुरान पढ़ाने और उन्हें इस्लाम धर्म और पवित्र पैगंबर (सअ) और अहलुल बैत (अस) की तालीम और मआरिफ़ की शिक्षा दिलाने वालों को क़यामत के दिन बेमिसाल सवाब मिलेगा।

आयतुल्लाह जवादी आमुली ने रसूले अकरम की एक हदीस का हवाला देते हुए कहा कयामत के दिन कुरान एक ज़र्दरु शख्सियत की शक्ल में जाहिर होगा और अल्लाह से अर्ज़ करेगा यह वह इंसान है जिसने दिन को प्यास और रात को बेदारी की हालत में गुजारा, मैंने इसकी आरजू और तमन्नाओं को तेरी रहमत और बख्शीश से वाबस्ता किया। लिहाजा ऐ मेरे अल्लाह मेरे गुमान के हिसाब से इसके साथ सुलूक कर।

अल्लाह इरशाद फरमाएगा इसके दाएं हाथ में बादशाहत और बाएं हाथ में जावेदानगी अता करो और इसके मां-बाप को ऐसा ज़ेवर पहनाओ कि पूरी दुनिया और उसकी तमाम नेमतें भी उसके बराबर ना हों। कयामत के दिन तमाम लोग उसके मां-बाप की तरफ देखेंगे और यह सब देखा कर मां-बाप खुद भी हैरान होंगे और पूछेंगे ऐ अल्लाह मुझे यह अज़मत क्यों मिली? अल्लाह तआला फरमाएगा यह सबी तुम्हारी तुम्हारी औलाद को कुरान सिखाने और उसे दीने इस्लाम और रसूले अकरम और अली अस की मोहब्बत पर तरबियत देने की वजह से है। 

(बिहार अल-अनवार, जिल्द 89, पेज 32; मफातिहुल-हयात, पेज 247)