अबनाः बुधवार को (स्थानीय समयानुसार) वॉशिंगटन डी.सी. में बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद हुआ। प्रदर्शनकारियों ने "ग़ज़ा बिकने वाला नहीं है" के नारे लगाकर फिलिस्तीन के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की।
प्रदर्शनकारियों की मांगेंप्रदर्शन में शामिल लोगों ने फिलिस्तीनियों के अधिकारों की बहाली और ग़ज़ा पर जारी हमलों को रोकने की मांग की। उन्होंने इसराइल द्वारा ग़ज़ा में की जा रही सैन्य कार्रवाई और अमेरिका के समर्थन की कड़ी आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर उठाए हुए थे, जिन पर "फ्री ग़ज़्ज़ा", "जुल्म बंद करो", और "ग़ज़्ज़ा बिकने वाला नहीं है" जैसे नारे लिखे हुए थे।
विरोध प्रदर्शन क्यों हुआ?ट्रंप और नेतन्याहू की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका-इसराइल संबंधों और ग़ज़ा में जारी हालात पर चर्चा हुई थी। इस दौरान नेतन्याहू ने इसराइली सैन्य अभियानों को जायज़ ठहराया, जबकि ट्रंप ने इसराइल के प्रति अपने समर्थन को दोहराया। इस बयान के बाद, अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थकों में गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया।
सोशल मीडिया पर गूंजा विरोधयह प्रदर्शन सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी ग़ज़ा के समर्थन में बड़ी संख्या में पोस्ट शेयर की गईं। कई एक्टिविस्ट्स और मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रदर्शन का समर्थन करते हुए इसराइली नीतियों की आलोचना की।
विरोध प्रदर्शन का असरइस प्रदर्शन ने अमेरिकी प्रशासन और वैश्विक मीडिया का ध्यान ग़ज़ा संकट की ओर खींचा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक ग़ज़ा के लोगों पर जुल्म जारी रहेगा, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।
