अबनाः इस्राईली मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि ग़ाजा वॉर के दौरान यमनी हमलों की वजह से एलात पोर्ट के डिफॉल्ट होने और कार इम्पोर्ट में पैदा हुई अराजकता ने इस्राईल की कार मार्केट पर लॉन्ग-टर्म असर डाला है।
एलात पोर्ट का बंद होना और कार इम्पोर्ट पर असर
इस्राईली इकोनॉमिक वेबसाइट "कालकलिस्ट" के मुताबिक, गाजा वॉर की शुरुआत से ही एलात पोर्ट बंद है, और इस्राईली सरकार के पास इसे दोबारा खोलने का कोई प्लान नहीं है। यह पोर्ट, खासकर चीन से कार इम्पोर्ट के लिए इस्राईल का मेन गेटवे था। यमनी हमलों ने कार इम्पोर्ट सेक्टर को भारी नुकसान पहुंचाया है।
इस्राईल की शिपिंग और पोर्ट अथॉरिटी के डेटा के मुताबिक, जो कालकलिस्ट ने पब्लिश किए हैं, 2024 में इस्राईल के पोर्ट्स के जरिए कार इम्पोर्ट में भारी गिरावट देखी गई है। डेटा बताता है कि 2023 के मुकाबले कार इम्पोर्ट में 19.5% की कमी आई है, जिसने इस्राईल की टेंशन बढ़ा दी है।
इस साल इस्राईल के पोर्ट्स पर सिर्फ 277,455 कारें उतारी गई हैं, जबकि पिछले साल यह नंबर 344,783 था। यह गिरावट कार इम्पोर्ट सेक्टर में गहरे संकट की तरफ़ इशारा है।
इम्पोर्टर्स की परेशानी और यमनी हमलों की वजह से एलात का बंद होना
यमनी हमलों की वजह से एलात पोर्ट के बंद होने ने इजरायल के इम्पोर्टर्स को भारी परेशानी में डाल दिया है। कालकलिस्ट के मुताबिक, कार इम्पोर्ट में यह भारी गिरावट सिर्फ एक टेम्प्रेरी फ्लक्चुएशन नहीं है, बल्कि इम्पोर्ट प्रोसेस के खराब मैनेजमेंट का नतीजा है। 2023 में, इम्पोर्टर्स ने इलेक्ट्रिक कारों पर हाई टैक्स के डर से बड़ी मात्रा में कारों का इम्पोर्ट किया था, जिससे स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन में अराजकता फैल गई। हालांकि, 2024 में इम्पोर्टर्स ने कार इम्पोर्ट में भारी कटौती करने का फैसला किया, जिससे सप्लाई में कमी आई।
कालकलिस्ट ने यह भी बताया कि गाजा वॉर की शुरुआत के बाद एलात पोर्ट का पूरी तरह से बंद होना और लेबनान, यमन जैसे कई फ्रंट्स पर सिक्योरिटी और मिलिट्री टेंशन ने कार इम्पोर्ट सेक्टर को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
कालकलिस्ट के डेटा के मुताबिक, 2024 में एलात पोर्ट पर एक भी कार नहीं उतारी गई है, जो पिछले सालों के मुकाबले एक बेमिसाल गिरावट है। एलात पोर्ट का बंद होना, जो इम्पोर्टेड कारों के लिए मेन पोर्ट था, ने इजरायल में कार ट्रांसपोर्ट प्रोसेस में गंभीर रुकावटें पैदा की हैं, लागत बढ़ाई है और प्रेशर को दूसरे पोर्ट्स पर शिफ्ट कर दिया है।
इस सिचुएशन ने इम्पोर्टर्स को भारी मुश्किल में डाल दिया है, क्योंकि उन्हें अब दूसरे पोर्ट्स पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो एलात की कैपेसिटी और एफिशिएंसी के मुकाबले कमजोर हैं। इससे न केवल इम्पोर्ट प्रोसेस धीमा हुआ है, बल्कि लागत भी बढ़ गई है, जिसका सीधा असर इजरायल की कार मार्केट पर पड़ रहा है।
हाइफा बंदरगाह को ईलात की जगह इस्तेमाल करना कामयाब नहीं रहा, क्योंकि इससे गाड़ियों के इम्पोर्ट की कीमत बढ़ गई।
यमनी हमलों की वजह से एलात पोर्ट के डिफॉल्ट होने के बाद, हाइफा पोर्ट एकमात्र फायदेमंद आपशन बन गया है, क्योंकि यहां इम्पोर्टेड कारों की संख्या में 65% की भारी बढ़ोतरी देखी गई है। 2024 में हाइफा पोर्ट पर 134,195 कारें उतारी गईं, जबकि 2023 में यह नंबर 81,243 था। हालांकि, हाइफा पोर्ट पर कारों की बढ़ती संख्या इस्राईल की कार मार्केट में सुधार का संकेत नहीं है, बल्कि एलात के डिफॉल्ट होने की वजह से एक इमरजेंसी रिस्पॉन्स है।
कालकलिस्ट ने हाइफा पोर्ट के एक सूत्र के हवाले से कहा, "हाइफा पोर्ट इस्राईल में कार इम्पोर्ट का एकमात्र डेस्टिनेशन बन गया है, लेकिन यह एक रियल सक्सेस नहीं है। यह सिर्फ दूसरे पोर्ट्स के डिफॉल्ट की भरपाई है, क्योंकि इस पोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ गुड्स और रॉ मटीरियल के लिए डिजाइन किया गया था। अगर यह अराजकता जारी रही, तो आने वाले महीनों में हमें बड़ी ऑपरेशनल प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।"
अशदोद पोर्ट पर इम्पोर्ट में भारी गिरावट
अशदोद पोर्ट ने 2024 में इम्पोर्टेड कारों की संख्या में 8% की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की है, लेकिन यह कोई रियल बूम नहीं है। इस साल अशदोद पोर्ट पर सिर्फ 124,812 कारें उतारी गईं, जबकि 2023 में यह नंबर 114,042 था। यह डेटा 2022 के मुकाबले काफी कम है, जब अशदोद पोर्ट पर 135,035 कारें उतारी गई थीं। यह इस पोर्ट के जरिए कार इम्पोर्ट में साफ नेगेटिव ट्रेंड को दिखाता है।
खलीज" पोर्ट की नाकाम कोशिश
यमनी हमलों की वजह से एलात पोर्ट के डिफॉल्ट होने के बाद, "खलीज" पोर्ट (हाइफा में भूमध्य सागर के तट पर स्थित) को एक ऑप्शन के तौर पर प्रस्तावित किया गया था, लेकिन यह भी कोई खास असर नहीं दिखा पाया। इस पोर्ट ने सिर्फ 18,438 कारों का इम्पोर्ट किया, जो दूसरे पोर्ट्स के मुकाबले बहुत कम है।
कालकलिस्ट ने जोर देकर कहा कि यह खराब परफॉर्मेंस इस्राईल में कार इम्पोर्ट के फ्यूचर को लेकर चिंताओं को बढ़ाता है, क्योंकि इफेक्टिव ऑप्शन्स कम होते जा रहे हैं।
फ्यूचर के चेलेंजेज़
कालकलिस्ट ने कहा कि फ्यूचर की संभावनाएं उत्साहजनक नहीं लगती हैं। एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि इम्पोर्ट पॉलिसीज में अराजकता की वजह से कारों की कमी और कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि हाइफा पोर्ट को करंट सिचुएशन से फायदा हो रहा है, लेकिन यह सिर्फ एक टेम्पररी सॉल्यूशन है। अगर करंट डिसरप्शन जारी रहता है, तो यह किसी भी समय फेल हो सकता है।
इस्राईली ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट डेविड रोसेनबर्ग ने कालकलिस्ट से कहा, "अगर एलात पोर्ट को दोबारा शुरू करने और इम्पोर्ट प्रोसेस के मैनेजमेंट में सुधार के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो 2025 में हम कार सेक्टर में एक बेमिसाल क्राइसिस का सामना कर सकते हैं।"
