“सय्यदा फ़ातिमा ज़हरा [स अ], ऐसी बा-अज़मत हस्ती हैं कि जिनकी पूरी ज़िंदगी में एक तरफ़ इल्म और इरफ़ान नज़र आते हैं, तो दूसरी तरफ़ अल्लाह की राह में क़ुर्बानी का अज़ीम जज़्बा भी झलकता है। एक तरफ़ आप हिजाब और हया का पैकर हैं, तो दूसरी तरफ़ एक जांबाज़ और फ़िदाकार सिपाही की तरह विभिन्न मैदान और मोर्चों पर किरदार अदा करती नज़र आती हैं। एक ख़ातून की हैसियत से भी आप एक बेहतरीन बीवी और अपने बच्चों के लिए बेहतरीन मां का किरदार अदा करती हैं। घरेलू कामों में आपने अपने बच्चों और शौहर की ख़िदमत का एक बेमिसाल नमूना पेश किया, और साथ ही रिसालत के मिशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके साथ ही आपने ज़ुल्म के ख़िलाफ़ तन्हा खड़े होकर क़याम किया और आख़िर कार मंज़िले शहादत पर फ़ायज़ हुईं।”
— रहबर-ए-इंक़लाब-ए-इस्लामी इमाम सय्यद अली ख़ामेनेई