24 नवंबर 2024 - 11:41
दुश्मन के सामने बड़ी ग़लती

ऐसी स्थिति में कितने ही छोटे और पस्त दुश्मन है जो बड़े और ताक़तवर दुश्मन पर ग़ालिब आ जाते हैं।

قال أمیر المؤمنین امام على عليه السلام:

احذَرِ استِصغارَ الخَصمِ؛ فَإنَّه يَمنَعُ مِنَ التَّحَفُّظِ، وَ رُبَّ صَغيرٍ غَلَبَ كَبيراً

  شرح نہج البلاغه، ج۲۰، ص ۲۸۲، ح ۲۳۱  

अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स. 

दुश्मन को छोटा समझने की ग़लती मत करो क्योंकि यह काम ग़फ़लत में डाल देता है।  ऐसी स्थिति में कितने ही छोटे और पस्त दुश्मन है जो बड़े और ताक़तवर दुश्मन पर ग़ालिब आ जाते हैं।