6 नवंबर 2024 - 16:15
जाहिल की पहचान

समझने से पहले मुख़ालेफ़त पर उतर आता है और जिस चीज़ को नहीं जानता उसके संबंध में फैसले करता है।

:قال الامام الصادق علیه السلام

من أخلاقِ الجاهِلِ الإجابَهُ قَبلَ أنْ يَسمَعَ والمُعارَضَةُ قَبلَ أنْ يَفْهَمَ ، والحُكْمُ بما لا يَعْلَمُ

بحارالانوار (باب 75)، ج 75، ص 278

इमाम जफ़र सादिक़ अ.स.

जाहिल का अख़लाक़ यह है कि सुनने से पहले जवाब देता है, समझने से पहले मुख़ालेफ़त पर उतर आता है और जिस चीज़ को नहीं जानता उसके संबंध में फैसले करता है।