25 मार्च 2021 - 17:41
7 साल की बच्ची को भी नहीं छोड़ा म्यामार के सैनिकों ने

म्यांमार की सेना इस देश में हुए सैन्य विद्रोह के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का दमन करने में लगी हुई है।

म्यांमार की सेना की क्रूर कार्रवाही में कई बेगुनाह लोग भी मारे जा चुके हैं।  इस सेना की ताज़ा कार्यवाही इंसान को रुला देने वाली है।

म्यामार के मांडले शहर में सेना ने पिता की गोद में बैठी 7 साल की मासूम बच्ची को गोली मार दी। पुलिस की गोली से मरने वाली यह बच्ची, सबसे कम उम्र की पीड़िता बताई जा रही है।  मरने वाली खिन नामक इस बच्ची के पड़ोसी सुमाया ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तलाश करती हुई सेना यहां आई।  सेना के जवानों ने लातें मारते हुए खिन के घर का दरवाजा खटखटाया।  बच्ची की बड़ी बहन ने दरवाजा खोला तो जवान घर में घुस गए। सेना के जवान पूछने लगे कि पापा के अलावा घर में कौन है।  उसने कहा कि नहीं कोई दूसरा नहीं है।  यह सुनते ही सैनिकों ने उसे झूठा बताकर बुरी तरह से पीटा। यह देख सामने खड़ी खिन डरकर घर में मौजूद पिता की गोद में बैठ गई।  इसी बीच पीछे से आए सैनिकों ने उसके पिता पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।  एक गोली, सात साल की इस बच्ची को भी लगी जिसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

म्यांमार में सैन्य विद्रोह के बाद की सेना की कार्यवाही में अबतक 20 बच्चों की जान जा चुकी है। यह जानकारी सेव द चिल्ड्रेन नामक संस्था ने दी है।  म्यांमार में सैन्य विद्रोह के बाद होने वाले विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 275 लोग मारे जा चुके हैं जबकि मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि मृतको की संख्या इससे कहीं ज़्यादा है।