10 अगस्त 2019 - 13:57
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता की हज संदेश में सेन्चरी डील को नाकाम बनाने की मुसलमानों से अपील

हज के अवसर पर अरफ़ात के मैदान में सभी हाजियों और दुनिया के मुसलमानों को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई का अनेकेश्वरवादियों से वरिक्तता के एलान पर आधारित बयान पढ़ा गया।

उन्होंने हाजियों के नाम अपने बयान में अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता के संस्कार को, जो हर काल के उद्दंडी शासन के हर प्रकार के भ्रष्टाचारों, बुराइयों और अत्याचारों के विरक्तता और समय के साम्राज्यवादियों की धौंस धमकी के ख़िलाफ़ डटने के अर्थ में है, पीड़ित मुसलमान राष्ट्रों के लिए हज की महाउपलब्धि बताया।

हज का एक प्रभावी राजनैतिक आयाम अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता है। यह संस्कार मानवीय मामलों ख़ास तौर पर साम्राज्यवादियों के मुक़ाबले में इस्लामी जगत के सम्मान व शक्ति पर ध्यान देने का प्रतीक है।

इस्लामी जगत के मामलों के समीक्षक जाफ़र क़न्नादबाशी का कहना है कि बिना विरक्तता के हज का कोई अर्थ नहीं है। वास्तव में हज मुसलमानों के लिए आपस में एकता और दुश्मनों से विरक्तता के बारे में विचार विमर्श करने का बेहतरीन अवसर है।

जैसा कि इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता के बयान में आया है कि आज अनेकेश्वरवाद और अमरीका की अगुवाई में नास्तिकता के मोर्चे से विरक्तता का अर्थ पीड़ितों पर अत्याचार और युद्धोन्माद का विरोध, दाइश और अमरीकी ब्लैक वॉटर जैसे आतंकवाद के केन्द्र की निंदा और बच्चों के हत्यारे ज़ायोनी शासन और उसके समर्थकों के सिर पर इस्लामी जगत की दहाड़ है।

उन्होंने अपने बयान में इस बात का उल्लेख किया कि हालिया कुछ शताब्दियों के दौरान सबसे बड़ा अत्याचार फ़िलिस्तीन में हुआ। इस दुखद घटना में एक राष्ट्र की हर चीज़ उसकी ज़मीन, घर, खेत, संपत्ति, सम्मान और पहचान सब छीन ली गयी।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने अमरीका और उसके ग़द्दार साथियों द्वारा सेन्चरी डील नामक साज़िश का मार्ग प्रशस्त किए जाने की कोशिश की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ फ़िलिस्तीनी राष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे मानव समाज पर अत्याचार है। हम सभी से दुश्मन की इस साज़िश को नाकाम बनाने के लिए सक्रिय रोल निभाने की अपील करते हैं और ईश्वर की कृपा से विश्व साम्राज्य की इस साज़िश और दसूरी साज़िशों के प्रतिरोध के मोर्चे के साहस व आस्था के सामने नाकाम समझता हूं।

अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता वास्तव में इस्लामी जगत का व्यक्तिगत व सामूहिक कर्तव्य है जिसे अंजाम देने के लिए हज बेहतरीन अवसर है।

यही वजह है कि इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता हज को इस्लामी जगत के लिए ईश्वर की कृपा के उतरने का स्थान बताते हुए कहते हैं कि यह हज से हासिल होने वाली ऐसी उपलब्धि है जिसे सैकड़ों आम संगोष्ठी के ज़रिए हासिल नहीं किया जा सकता।