शादी

  • शादी और रोज़ी

    पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम ने फ़रमाया कि शादी करो कि शादी करने से तुम्हारी रोज़ी बढ़ती है।

  • एक से अधिक शादियां इस्लाम की निगाह में।

    एक से अधिक शादियां इस्लाम की निगाह में।

    आज के ज़माने का सबसे गर्म विषय एक से ज़्यादा शादियाँ करने का मसला है। जिसे मुद्दा बना कर पच्छिमी दुनिया ने औरतों को इस्लाम के ख़िलाफ़ ख़ूब इस्तेमाल किया है और मुसलमान औरतों को भी यह विश्वास दिलाने की कोशिश की है कि एक से ज़्यादा शादियों का क़ानून औरतों के साथ नाइंसाफ़ी है और यह उनके ख़िलाफ़ किया जाने वाला इस्लामी ज़ुल्म है और यह उनका अपमान एवं तौहीन है ऐसा लगता है कि इस्लाम में औरत अपने शौहर की पूरी मुहब्बत की भी हक़दार नहीं हो सकती है और उसे शौहर की आमदनी की तरह उसकी मुहब्बत को भी बांटना पड़ेगा और आख़िर में जितना हिस्सा अपनी क़िस्मत में लिखा होगा उसी पर सब्र करना पड़ेगा।