AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
रविवार

19 नवंबर 2023

5:04:03 pm
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सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई:

ग़ज़्ज़ा के अस्पतालों, औरतों और बच्चों पर बमबारी ज़ायोनी नेताओं की बौखलाहट और खिसियाहट की निशानी है।

सुप्रीम लीडर ने अवैध ज़ायोनी सरकार को नस्लवाद का प्रतीक बताया है और कहा है कि आक्रमणकारी ज़ायोनी खुद को एक श्रेष्ठ नस्ल और दूसरों को नीचा और गिरा हुआ इंसान मानते हैं, यही कारण है कि उन्होंने हज़ारों बेगुनाह बच्चों का बेरहमी से नरसंहार किया है।

रविवार की सुबह आशूरा एरोस्पेस साइंसेज़ युनिवर्सिटी पहुंचकर सिपाहे पासदाराने इंकेलाब आईआरजीसी की एरोस्पेस विंग द्वारा हालिया गतिविधियों और प्राप्त की गईं उपलब्धियों का जायज़ा लिया। इस मौक़े पर सुप्रीम लीडर ने ग़ज़्ज़ा पर इस्राईली शासन द्वारा लगातार 44 दिनों से किए जा रहे बर्बर हमलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुनिया देख रही है कि एक शासन जो भारी मात्रा में आधुनिक सैनिक संसाधनों से लैस है और अमरीका और पश्चिमी देशों के समर्थन के बावजूद अपने विरोधी पक्ष को कि जिसके पास इनमें से कोई भी संसाधन नहीं, हरा नहीं पा रहा है।

सुप्रीम लीडर ने इसी तरह इस्लामी देशों की सरकारों के प्रदर्शन और कर्तव्यों के बारे में कहा कि कुछ इस्लामी सरकारों ने स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के मंचों पर ज़ायोनी अपराधों की निंदा की है और कुछ अन्य ने तो अब तक इन अपराधों की निंदा भी नहीं की है और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि असली काम इस आक्रमणकारी और अत्याचारी ज़ायोनी शासन की जीवन रेखा को काटना है और इस्लामी देशों को इस हमलावर सरकार को ईंधन और अन्य उत्पादन उपलब्ध करना बंद करना होगा।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि ग़ज़्ज़ा में जो कुछ ज़ायोनी शासन अंजाम दे रहा है वह जहां इस शासन के असाहय होने को दर्शाता है वहीं अमरीका और पश्चिमी देशों की नाकामी को भी दिखाता है। उन्होंने कहा कि ज़ायोनियों ने शुरू से कहा कि हमारा लक्ष्य हमास को ख़त्म करना है लेकिन चालीस दिन से ज़्यादा बीत जाने के बाद भी वह ऐसा नहीं कर पाया और भविष्य में भी नहीं कर पाएगा।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि अस्पतालों और आम नागरिकों के घरों में घुस जाना विजय नहीं है। ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सरकार की हार ज़मीनी सच्चाई है। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा के अस्पतालों, औरतों और बच्चों पर बमबारी ज़ायोनी शासन के नेताओं की बौखलाहट और खिसियाहट की निशानी है। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा कि ग़ज़्ज़ा में घटने वाली घटनाओं ने बहुत सी छिपी हुई सच्चाइयों को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है, इन में एक वास्ताविक्ता अमरीका के राष्ट्रपति, जर्मनी के चांसलर, फ़्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की नस्लवाद का समर्थन करना है।