AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शनिवार

23 सितंबर 2023

8:38:34 am
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सऊदी अरब में तेज़ी से बिखर रहा है ख़ानदानी निज़ाम, हर 10 मिनट से पहले तलाक़

सऊदी अरब में हर घंटे 7 तलाक और प्रतिदिन 168 तलाक हो रहे हैं और देश के किसी न किसी शहर में हर 10 मिनट से पहले एक तलाक हो जाता है। सरकारी एजेंसी के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में तलाक की दर में काफी बढ़ोतरी हुई है।

इस्लामिक दुनिया के सबसे अहम देशों में शामिल सऊदी अरब में हर 10 मिनट से पहले एक तलाक होने का खुलासा हुआ है। सऊदी अरब के अखबार 'अक्काज़' की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी राजशाही के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश में हर दिन 168 तलाक हो रहे हैं।

इस रिपोर्ट में सऊदी अरब के सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा गया कि साल 2022 के आखिरी कुछ महीनों में ही 57 हजार से ज्यादा तलाक हुए। 

सरकारी एजेंसी के मुताबिक, साल 2022 में सऊदी अरब में पिछले सालों की तुलना में तलाक की दर में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। आंकड़ों से पता चला कि 2019 की तुलना में 2022 में तलाक की दर में 19% की वृद्धि हुई और अब प्रति दिन 168 तलाक होते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक सऊदी अरब में हर घंटे 7 तलाक और प्रतिदिन 168 तलाक हो रहे हैं और देश के किसी न किसी शहर में हर 10 मिनट से पहले एक तलाक हो जाता है। सरकारी एजेंसी के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में तलाक की दर में काफी बढ़ोतरी हुई है।

अपनी विशेष रिपोर्ट में, अरब अखबार ने समाजशास्त्रियों से भी बात की, जिन्होंने सऊदी अरब में बढ़ती तलाक दर को सोशल मीडिया से जोड़ा और कहा कि इसके अत्यधिक उपयोग से सामाजिक परिवर्तन हो रहे हैं जो अंततः तलाक की ओर ले जा रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक सऊदी अरब के आर्थिक हालात भी तलाक का कारण बन रहे हैं, अनगिनत मामलों में देखा गया है कि गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण शादियां खत्म हो रही हैं। विशेषज्ञों ने आगे कहा कि तलाक का एक और बड़ा कारण पति-पत्नी का एक-दूसरे पर संदेह करना है। जो आगे जाकर तलाक पर ख़त्म हो रहा है।

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा विवाह और वैवाहिक जीवन के बारे में की जाने वाली अर्थहीन दार्शनिक टिप्पणिया और फिर उन टिप्पणियों पर विश्वास करने के कारण भी तलाक की दर बढ़ रही है। हालाँकि विशेषज्ञों ने सऊदी अरब में तलाक की बढ़ती प्रवृत्ति के लिए कई कारण बताए हैं, लेकिन उन्होंने तलाक की दर को कम करने का कोई तरीका नहीं सुझाया है।