AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शनिवार

16 सितंबर 2023

4:42:23 pm
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ईरान:

बेल्जियम की सरकार किस प्रकार आतंकवाद से मुकाबले का दावा कर रही है?

ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा है कि बेल्जियम की सरकार आतंकवादी गुट MKO की अगुवाई में किस प्रकार आतंकवाद से मुकाबले का दावा कर रही है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने MKO गुट के मुखिया की ब्रसल्ज़ यात्रा पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ईरानी लोगों के खिलाफ इस गुट के अपराधों को देखते हुए बेल्जियम की सरकार किस तरह आतंकवाद से मुकाबले का दावा करती है वह भी ऐसी हालत में जब खुद यूरोपीय संसद भी उसकी पाखंडी पहचान से अवगत है।

MKO मुखिया की ब्रसल्ज़ में उपस्थिति की खबर ऐसी स्थिति में सामने आ रही है जब जारी वर्ष के फरवरी महीने में यूरोपीय संघ ने एक प्रस्ताव पारित करके इस गुट पर लोगों को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने का आरोप लगाया था। इसी प्रकार यूरोपीय संघ ने MKO की इस बात के लिए भी आलोचना की थी कि वह यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों व सांसदों से गलत लाभ उठा रहा है।

इसी प्रकार यूरोपीय संघ ने 1387 हिजरी शमसी अर्थात 2008 में इस गुट को आतंकवादी गुटों की सूची से निकाल दिया था। अभी कुछ समय पहले आतंकवादी गुट MKO का मुखिया इटली की यात्रा पर गया था और उसकी यात्रा पर विरोध स्वरूप तेहरान में इटली के राजदूत को तलब करके कहा गया था कि यह कार्य आतंकवाद को प्रोत्साहित करना है।

अभी हाल ही में विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी एक साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेन्स में इस बारे में कहा था कि आतंकवादी गुट MKO के कृत्य अपराधों से भरे पड़े हैं और इस गुट की वास्तविकता किसी से ढ़की- छिपी नहीं है। इस आतंकवादी गुट MKO ने 17 हज़ार से अधिक ईरानियों को शहीद किया है जिनमें आम लोगों से लेकर ईरानी सांसद व राजनेता भी शामिल हैं।

रोचक बात यह है कि पश्चिमी व यूरोपीय देश उनमें सर्वोपरि अमेरिका एक ओर आतंकवाद से मुकाबले के दावे करते हैं और दूसरी ओर आतंकवादी गुटों का समर्थन भी करते हैं। अमेरिका की पूर्व विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उन बयानों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने दाइश को बनाया है।

जानकार हल्कों का मानना है कि आतंकवाद से मुकाबले के संबंध में अमेरिका और पश्चिमी व यूरोपीय देशों का दोहरा मापदंड न केवल आतंकवादियों के अस्तित्व में आने बल्कि उनके फलने- फूलने का भी कारण बना है और जब तक इन देशों का दोहरा मापदंड जारी रहेगा तब तक आतंकवाद का अंतरराष्ट्रीय अभिशाप का खत्म होना संभव नहीं है विशेषकर इसलिए कि यही देश आतंकवाद का प्रयोग उन देशों में विनाशकारी कार्यवाहियों और उन पर दबाव डालने के हथकंडे के रूप में प्रयोग करते हैं जो अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी देशों की वर्चस्ववादी नीतियों के विरोधी हैं।