अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की पूर्व अधिकारी हिलैरी मैनलिवरेट ने कहा कि बाइडन सरकार दूसरे देशों के साथ मिलकर ईरान पर दबाव भी डालना चाहती है मगर इस कोशिश में भी है कि ईरान से कोई टकराव न हो जाए।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की पूर्व अधिकारी ने कहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच होने वाला हालिया समझौता विश्व व्यवस्था में आने वाले बदलाव का नतीजा है और अब जो बाइडन सरकार चाहती है कि ईरान से किसी तरह का टकराव न हो। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव क़रीब आ रहे हैं और बाइडन सरकार नहीं चाहती कि वो किसी नए टकराव में पड़े।
ईरान के साथ अमेरिका का हाल ही में क़ैदियों के आदान प्रदान का समझौता हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी पाबंदियों की वजह से दक्षिणी कोरिया के बैंकों में सीज़ हो जाने वाला ईरान का 6 अरब डालर का फंड भी रिलीज़ किया गया है।
वाशिंग्टन स्थित मिडिल ईस्ट थिंक टैंक के स्कालर हसन मुनैमना ने कहा कि अमेरिकी सरकारों ने ईरान के सिलसिले में समन्वित और स्पष्ट नीति नहीं अपनाई, आज भी सरकार केवल वर्तमान स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही है उसके पास कोई स्पष्ट विजन नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान को घेरने की अमेरिका की पूरी रणनीति ध्वस्त हो गई क्योंकि दुनिया के हालात बदल गए और चीन से ईरान का व्यापक रूप से सहयोग जारी है। हसन मुनैमना ने कहा कि ईरान शुरू से स्ट्रैटेजिक संयम की नीति अपनाई और अमेरिकी बौखलाहट और हड़बड़ाहट का उसे हर बार फ़ायदा मिला।