इस अवसर पर ईरानी विदेश मंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन में ईरान की सदस्यता के लिए भारत के समर्थन की सराहना की और इस संगठन के लक्ष्यों के तहत तेहरान और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के विस्तार पर जोर दिया।
हुसैन अमीरअब्दुल्लाहियान ने चाबहार बंदरगाह के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला और ईरान और भारत के बीच संयुक्त सहयोग के ऐतिहासिक और अद्भुत संबंधों का उल्लेख किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के साथ ईरान के संबंधों में कोई बाधा नहीं है।
उन्होंने चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर परियोजनाओं में प्रगति और विकास के लिए दोनों देशों के बीच संबंधों को बहुत उपयोगी बताया।
इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मसरी ने ईरान के विदेश मंत्री को शंघाई सहयोग संगठन में स्थायी सदस्यता मिलने पर बधाई दी और इसे आगे के द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक बड़ा अवसर बताया।