AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
शुक्रवार

2 जून 2023

8:29:20 pm
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ईरान की सक्रिय कूटनीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में विस्तार में आई तेज़ी

हालिया दिनों में ईरान और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में विस्तार में तेज़ी आई है और यह ईरान की सक्रिय कूटनीति की निशानी है।

ईरान के उद्योग, खान और व्यापार के कार्यवाहक मंत्री ने विभिन्न आर्थिक, व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों में ईरान और उज़्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर बल दिया है।

ईरान के उद्योग, खनन और व्यापार के कार्यवाहक मंत्री सैयद मेहदी नियाज़ी ने जो 15वें ईरान-उज़्बेकिस्तान संयुक्त आर्थिक आयोग का आयोजन करने के लिए ताशक़ंद की यात्रा पर हैं, उज़्बेकिस्तान के प्रधान मंत्री अब्दुल्लाह नेमतविच आरिफ़ोव से भेंटवार्ता की। इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों के विकास के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की गई।

इससे पहले तुर्कमेनिस्तान की पीपुल्स एक्सपेडिएंसी काउंसिल के अध्यक्ष से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान और तुर्कमेनिस्तान को रिश्तेदार क़रार दिया था और दोनों देशों के बीच पायी जाने वाली कई सांस्कृतिक समानताओं की ओर इशारा किया और कहा कि ये सांस्कृतिक समानताएं एक महत्वपूर्ण आधार हैं और विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से ऊर्जा और ट्रांज़िट के क्षेत्र में संबंधों का और विस्तार हो रहा है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान ने हमेशा से ही इस्लामी देशों विशेषकर क्षेत्रीय व पड़ोसी देशों को अपनी विदेश नीति में प्राथमिकता दी है।

तेहरान और इशक़ाबाद के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर हमेशा ही ईरान और तुर्कमेनिस्तान के अधिकारियों ने बल दिया है। इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने तुर्कमेनिस्तान की पीपुल्स एक्सपेडिएंसी काउंसिल के अध्यक्ष कुरबान क़ुली बर्दी मोहम्मद ओफ़ से मुलाक़ात में राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को विकसित करने की दोनों देशों की इच्छा ज़ाहिर की थी।

तुर्कमेनिस्तान एकमात्र मध्य एशियाई देश है जिसकी ईरान के साथ ज़मीनी सीमा है। ईरान के साथ लगभग 1200 किलोमीटर ज़मीनी और समुद्री सीमा होने के कारण तुर्कमेनिस्तान का ईरान की क्षेत्रीय विदेश नीति में विशेष महत्व है।

ज़ाहिर सी बात है कि ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक समानताओं, लंबी सीमाओं और आर्थिक क्षमताओं की वजह से दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग का आधार बन गया है और यही कारण है कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने भी दोनों देशों संबंधों में विस्तार को दोनों देशों के हित में क़रार दिया और और दोनों देशों के संबंधों के भविष्य के बारे में आशा व्यक्त करते बल दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच अधिक सहयोग को बदलती दुनिया में दोनों देशों की स्थिति के बढ़न का आधार साबित होगा। (AK)

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