AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
बुधवार

31 मई 2023

11:08:43 am
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ईरान और मिस्र में संबंधों की बहाली, किसे फ़ायदा होगा?

दो दिवसीय दौरे पर ईरान गये ओमान नरेश ने सोमवार को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान के साथ संबंधों को फिर से शुरू करने की मिस्र की इच्छा के बारे में ओमान के सुल्तान नरेश हैसम बिन तारिक़ आले सईद के बयान का ज़िक्र किया और बल दिया कि हम इस चीज़ का स्वागत करते हैं और हमें इस बारे में कोई समस्या नहीं है।

पिछले सप्ताह मिस्र की अपनी यात्रा और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अल-सिसी सहित इस देश के अधिकारियों से मुलाक़ात के बाद  ओमान नरेश तेहरान पहुंचे और ईरानी अधिकारियों से भेंटवार्ता की।

ओमान नरेश की उत्तरी अफ़्रीक़ा की आधिकारिक यात्रा और उसके बाद ईरान की यात्रा ने क्षेत्र के पर्यवेक्षकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया क्योंकि ओमान, ईरान और मिस्र के बीच संबंधों की बहाली के लिए मध्यस्थता कर रहा है।

पश्चिम एशियाई क्षेत्र में सकारात्मक विकास की छत्रछाया में तेहरान और क़ाहिरा के बीच संबंधों की बहाली, ओमान नरेश की यात्रा के एजेंडे में रहा है।

इस बीच मिस्र के दो अधिकारियों ने इमारात के नेशनल अख़बार को बताया कि तेहरान और क़ाहिरा के बीच संबंधों की बहाली, ओमान नरेश और मिस्र के राष्ट्रपति के बीच बातचीत में उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक थे और होने नेताओं के बीच होने वाली वार्ताओं के आधार पर यह संभव है कि ईरान और मिस्र अगले कुछ महीनों में एक दूसरे के यहां अपने अपने राजदूतों को भेजेंगे।

इस्लामी जगत के दो महत्वपूर्ण देशों के रूप में ईरान और मिस्र, दो संवेदनशील और सामरिक क्षेत्रों में स्थित हैं। मिस्र और ईरान निस्संदेह दुनिया की सभ्यता का आधार माने जाते हैं और इन दोनों देशों की संस्कृति एक प्रभावशाली और उत्कृष्ट कारक रही है।

पश्चिमी एशियाई क्षेत्र अब नए घटनाक्रमों का साक्षी है जिसने ईरान और मिस्र के बीच संबंधों में सुधार की संभावना को मज़बूत कर दिया है। इस्लामी गणतंत्र ईरान के अधिकारियों की ओर से पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के साथ लगातार संपर्क और बातचीत के बाद, ईरान और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली जैसी उपलब्धियां हासिल हुईं और कई अरब और इस्लामी देशों ने भी इसका स्वागत किया है।

यह बात स्पष्ट है कि ईरान और मिस्र सहित क्षेत्रीय देशों के बीच संबंधों में सुधार के बहुत लाभ सामने आने वाले हैं और क्षेत्र नये परिवर्तन का साक्षी होगा। यही कारण है कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने भी ओमान नरेश से मुलाक़ात में आशा व्यक्त की है कि सरकारों और इस्लामी जगत के बीच संबंधों में विस्तार से इस्लामी जगत एक बार फिर अपनी वैभवता और गौरव को हासिल करेगा और इस्लामी देश अपनी क्षमताओं और संभावनाओं को एक दूसरे के लिए प्रयोग करके इस्लामी राष्ट्रों, देशों और सरकारों को फ़ायदा पहुंचाएंगे। (AK)

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