31 मई 2023 - 10:54
इस्राईल का सैन्य अभ्यास, आंतरिक संकट से फ़रार का हथकंडा

बिनयामिन नेतनयाहू का मंत्रीमंडल जो गंभीर आंतरिक संकट से जूझ रहा है और उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है सैनिक कार्यवाही का हथकंडा इस्तेमाल कर चुका है मगर उसे कोई नतीजा नहीं मिला।

जनवरी 2023 में नेतनयाहू की सरकार बनी तो उसके बाद से नेतनयाहू की सरकार के ख़िलाफ़ इस्राईल में व्यापक प्रदर्शन फूट पड़े कभी कभी तो प्रदर्शनकारियों की संख्या 6 लाख और 7 लाख पहुंच गई।

इस गहरे आर्थिक संकट के सामने नेतनयाहू बेबस नज़र आते हैं और उनकी सरकार गिरने के क़रीब पहुंच गई है। नेतनयाहू ने संकट से बाहर निकलने के लिए ग़ज़्ज़ा के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ दिया जो पांच दिन चला। इस युद्ध में फ़िलिस्तीनी संगठनों ने इस्राईली इलाक़ों पर लगभग डेढ़ हज़ार मिसाइल फ़ायर कर डाले और इस्राईल का डिफ़ेंस सिस्टम नाकाम साबित हुआ।

इस्राईली टीकाकार औज़ी बराम ने हाआरेट्ज़ अख़बार में लिखा कि पांच दिन की लड़ाई का नतीजा यह छथा कि इन दिनों इस्राईल का बुरी तरह विभाजित और बिखरा हुआ समाज एकजुट व समन्वित फ़िलिस्तीनी समाज के मुक़ाबले में है और फ़िलिस्तीनियों का एक ही लक्ष्य इस्राईल को मिटा देना है।

ग़ज़्ज़ा युद्ध में जब मर्ज़ी का नतीजा नहीं मिला तो नेतनयाहू ने हर हफ़्ते होने वाले विरोध प्रदर्शनों से नजात पाने के लिए सैन्य अभ्यास शुरू करवा दिए। इस्राईली सेना ने एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ने का सैन्य अभ्यास किया है। लेबनान, सीरिया, ग़ज़्ज़ा और वेस्ट बैंक के मोर्चों पर एक साथ जंग लड़ने का यह सैन्य अभ्यास तब शुरू किया गया है जब ग़ज़्ज़ा के साथ युद्ध में इस्राईली प्रतिरोध क्षमता की कमज़ोरी जगज़ाहिर हो चुकी है। इस्राईली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सैन्य अभ्यास दो सप्ताह चलेगा जिसमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना सब भाग लेंगे। इसमें सेना के आप्रेशनों को आर्मी स्टाफ़ द्वारा कंट्रोल करने का भी अभ्यास किया जा रहा है।

सैन्य अभ्यास के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु इसके दोहरे लक्ष्य हैं। यह सैन्य अभ्यास हिज़्बुल्लाह लेबनान के सैन्य अभ्यास के कुछ ही दिनों बाद हो रहे है। अतः इस्राईल का सैन्य अभ्यास एक प्रकार से हिज़्बुल्लाह के सैन्य अभ्यास का जवाब है। इस्राईल के चैनल 12 ने हिज़्बुल्लाह के सैन्य अभ्यास के बारे में रिपोर्ट दी थी कि हिज़्बुल्लाह ने ड्रोन, बक्तरबंद गाड़ियों और अपनी ज़मीनी फ़ोर्स से इस्राईल को कड़ा संदेश दिया है। इस समय हिज़्बुल्लाह के पास इस्राईल के भीतरी संकट की बड़ी सटीक जानकारी और समीक्षा है। उसे पता है कि इस्राईल इस समय बहुत कमज़ोर स्थिति में है और इस मौक़े का फ़ायदा उठाया जा सकता है।

टीवी चैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़ायोनी शासन अब भी संकट में है, ग़ज़्ज़ा की जंग से संकट दूर नहीं हुआ। इसलिए सैन्य अभ्यास का एक लक्ष्य आंतरिक संकट से बाहर निकलने की एक सैनिक कोशिश करना है। मगर लगता नहीं कि नेतनयाहू का यह हथकंडा भी कोई काम करेगा।

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