मुख्यमंत्री के मसले पर मीडिया में कांग्रेस पर तंज़ कसे जाने लगे थे लेकिन आख़िरकार कांग्रेस आलाकमान ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया के नाम की घोषणा कर दी। डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया गया है।
यह अटकलें पहले ही थीं कि सिद्धारमैया कि मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज़्यादा है क्योंकि उन्हें पार्टी के भीतर अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त था।
कांग्रेस आलाकमान के सामने राज्य में पार्टी अध्यक्ष और चुनाव में बड़ी मेहनत करने वाले डीके शिवकुमार को मनाना एक बड़ा चैलेंज था।
शिवकुमार डिप्टी सीएम का पद संभालने के साथ ही लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर के बीते पाँच दिनों से जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का एलान कर दिया।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना पिछले हफ़्ते शनिवार को हुई थी और कांग्रेस को 224 में से 135 सीटों पर जीत मिली थी।
इस जीत के बाद बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी।
विधायक डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच बँट गए थे, लेकिन कहा जा रहा है कि ज़्यादातर विधायक सिद्धारमैया के साथ थे।
सिद्धारमैया 2013 से 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सलाह के बाद मुख्यमंत्री के लिए सिद्धारमैया के नाम की घोषणा की।
सिद्धारमैया ने अब तक 12 चुनाव लड़े हैं जिसमें से नौ में जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री रहते हुए गरीबों के लिए चलाई गई उनकी कई योजनाओं की काफी तारीफ हुई, जिसमें सात किलो चावल देने वाली वालाअन्न भाग्य योजना, स्कूल जाने वाले छात्रों को 150 ग्राम दूध और इंदिरा कैंटीन शामिल थीं।
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