AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

17 मई 2023

11:19:49 am
1366485

सऊदी अरब ने किया ईरान से हुए समझौते से पीछे हटने से इंकार, अमरीका नाराज़।

असास मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका ने अपमान के घूँट पीते हुए लगातार अपने एजेंट्स और अलग अलग टीमों को रियाज़ भेजा ताकि सऊदी अरब को ईरान के क़रीब जाने और इस समझौते से पीछे हटने के लिए मनाया जा सके लेकिन सऊदी अरब ने इस समझौते से पीछे हटने से साफ इंकार कर दिया है।

ईरान और सऊदी अरब के बीच रिश्ते बहाल होने के बाद से ही मीडिल ईस्ट में तेज़ी से कई बदलाव आए हैं। एक ओर जहाँ इस इलाक़े में फैला संघर्ष सिमटता नज़र आ रहा है वहीँ दोनों देशों के आपसी इख़्तेलाफ़ के साथ वर्षों से चला आ रहा टकराव भी थमने के आसार है। लेकिन इन सबके बावजूद इस नए घटनाक्रम से अगर कोई सबसे ज़्यादा नाराज़ है तो वह है अमेरिका। और अमेरिका ने इस बदलते सकारात्मक माहौल को खत्म करने कि भरपूर कोशिशें अब तक जारी रखी हुई है। 

असास मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका ने अपमान के घूँट पीते हुए लगातार अपने एजेंट्स और अलग अलग टीमों को रियाज़ भेजा ताकि सऊदी अरब को ईरान के क़रीब जाने और इस समझौते से पीछे हटने के लिए मनाया जा सके लेकिन सऊदी अरब ने इस समझौते से पीछे हटने से साफ इंकार कर दिया है। 

असास मीडिया ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर देते हुए कहा कि सऊदी अधिकारियों ने हाल फिलहाल में रियाज़ आने वाले सभी अमेरिकी डेलिगेशन और अमेरिकी एजेंट्स से साफ़ कह दिया है कि वह ईरान या किसी भी देश से रिश्ते बहाल करने के अपने फैसले से पीछे हटने के मूड में नहीं है। और हमारा अपने इन फैसलों से पीछे हटने का कोई इरादा है भी नहीं। हम अपने हितों और फायदों को देखते हुए दुनिया में किसी भी आर्थिक या राजनीतिक शक्ति के साथ रिश्ते रखने और उनसे सहयोग करने में आज़ाद हैं। 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की ओर से कम समय में ही कई डेलिगेशन और दूतों को रियाज़ भेजा गया। वाशिंगटन ने अपने कई सिक्योरिटी ऑफिसर्स के साथ साथ सऊदी अरब के कट्टर विरोधी समझे जाने सीनेटर लिंडसे ग्राहम को भी अलग अलग रियाज़ भेजा ताकि सऊदी अरब को ईरान के साथ रिश्ते बहाल करने के फैसले से पीछे हटाया जा सके। लेकिन सबको सऊदी अरब की ओर से दो टूक जवाब मिला कि हम अपने फैसले से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं और अपने फायदे और देश तथा इस इलाक़े के हितों को देखते हुए दुनिया के किसी भी देश से राब्ता रखने में आज़ाद हैं। 

असास मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते बहाल होने के बाद इलाक़े में बनने वाली नई भू-रणनीतिक इच्छाशक्ति का अमेरिका को सम्मान करना चाहिए। इलाक़े से तनाव दूर हो रहा है। मुश्किलें दूर हो रही हैं। अब अमेरिका यहाँ इलाक़ाई देशों के आपसी मतभेद का फायदा नहीं उठा सकेगा।