संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें उत्तरी कोरिया में मानवाधिकारों के हनन की कड़ी निंदा की गई है। हालांकि उत्तरी कोरिया ने उल्टे इसकी ही कड़ी निंदा की है।
यूनहाप समाचार एजेन्सी के अनुसार राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार परिषद के इस काम पर अपनी प्रतिक्रिया में उत्तरी कोरिया ने गुरूवार को इस प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि यह शुरू से लेकर अंत तक झूठा है।
राष्ट्रसंघ में उत्तरी कोरिया के प्रतिनिधि ने अपने एक साक्षात्कार में इस प्रस्ताव की निंदा करते हुए इसको शत्रुतापूर्ण एवं उकसाने वाली कार्यवाही बताया है। हान टी सूंग का कहना है कि यह स्वीकार्य नहीं है।उनका कहना था कि अमरीकी सहायता से तैयार किया गया यह प्रस्ताव, लोकतांत्रिक मूल्यों का विरोधी है। उन्होंने कहा कि यह उत्तरी कोरिया के आंतरिक मामलों में खुला हस्तक्षेप है जो किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
याद रहे कि संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार सन 2003 से हर साल उत्तरी कोरिया के विरुद्ध रिपोर्ट पेश करती है। पियुंगयांग का मानना है कि यह काम उसके विरुद्ध अमरीका की शत्रुतापूर्ण कार्यवाहिंयों का हिस्सा है। उत्तरी कोरिया का मानना है कि कोरिया प्रायःद्वीप में अमरीका उकसावे की कार्यवाही कर रहा है जो क्षेत्र की शांति के लिए गंभीर ख़तरा है।
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