AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शुक्रवार

7 अप्रैल 2023

5:14:47 pm
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अमीर अब्दुल्लाहियान और फैसल बिन फरहान की चीन मेंं मुलाक़ात, अहम् मुद्दों पर हुई चर्चा।

वहीँ बीजिंग में सऊदी अरब और ईरान की इस बैठक पर दुनियाभर में प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है। ब्लूमबर्ग ने सऊदी अरब के रुख में आए बदलाव को अमेरिका के लिए बड़ी हार बताते हुए कहा कि यह ईरान की बहुत बड़ी जीत है और इस से मिडिल ईस्ट में अमेरिका का प्रभाव तेज़ी से कम होगा।

मीडिया में लगातार अटकलों और पिछले कई हफ़्तों के इंतज़ार के बाद आखिरकार आज ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने आज चीन की राजधानी बीजिंग में मुलाक़ात की। 

रात ही एक उच्च प्रतिनिधि दल के साथ बीजिंग पहुंचे दोनों देशों के मंत्रियों ने आज एक दूसरे से मुलाक़ात की। 

ईरान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट ने इस अहम् मीटिंग के बारे में खबर देते हुए कहा कि अब्दुल्लाहियान और फैसल बिन फरहान आपसी बातचीत में दोनों देशों के बहाल हुए रिश्तों, दोनों देशों के दूतावासों को खोलने और रियाज़ तेहरान के बीच होने वाले सहयोग को आगे बढ़ाने के विकल्प पर चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि दोनों नेता सऊदी अरब और ईरान के बीच कुछ अहम् मुद्दों पर भी इस मुलाक़ात में चर्चा करेंगे। 

हालाँकि अभी तक इस मुलाक़ात में किन मुद्दों पर चर्चा हुई इस बारे में कोई विवरण सामने नहीं आया है लेकिन कहा जा रहा है कि दोनों नेता ईरान और सऊदी अरब के आपसी मुद्दों के साथ साथ इलाक़ाई और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 

वहीँ बीजिंग में सऊदी अरब और ईरान की इस बैठक पर दुनियाभर में प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है। ब्लूमबर्ग ने सऊदी अरब के रुख में आए बदलाव को अमेरिका के लिए बड़ी हार बताते हुए कहा कि यह ईरान की बहुत बड़ी जीत है और इस से मिडिल ईस्ट में अमेरिका का प्रभाव तेज़ी से कम होगा। 

ब्लूमबर्ग ने सऊदी अरब के तीन सूत्रों और यूएई के एक अधिकारी के हवाले से खबर देते हुए कहा कि सऊदी अरब ने ऐसे प्रभावी क़दम उठाने शुरू कर दिए है जो अरब लीग में सीरिया की वापसी के रास्ते खोलने के लिए कार आमद हैं और संयुक्त अरब अमीरात को इस बात की इजाज़त देते हैं कि वह अरब लीग में दमिश्क़ की मेंबरशिप को फिर से बहाल कर दे। ब्लुमबर्ग ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर देते हुए कहा कि अमेरिका अरब की इस योजना को जान चुका है और उसने पूरा ज़ोर भी लगा दिया कि सऊदी अरब को इस काम से बाज़ रखे लेकिन वह समझ चुका है कि वह चाह कर भी दमिश्क़ का रास्ता नहीं रोक सकता न ही सऊदी अरब को इस काम से दूर रख सकता है। 

सीरिया के साथ अरब देशों के बहाल होते रिश्ते अमेरिका के लिए बेहद दर्दनाक होने वाले हैं यह अमेरिकी हितों पर कड़ी चोट होगी और इस इलाक़े में पश्चिम का प्रभाव और असर बेहद कम हो जाएगा। जबकि यह काम वाशिंगटन की शर्मनाक हार और ईरान की जीत के समान होगा। कहा जा रहा है कि अरब लीग में दमिश्क़ की वापसी का हालाँकि क़तर और कुवैत ने विरोध किया है लेकिन लगता नहीं कि वह अरब जगत में आ रही नई लहर के मुक़ाबले ज़्यादा दिनों तक ठहर सकेंगे। 

ब्लूमबर्ग का कहना है कि वाशिंगटन के एक बड़े हलके में यह चिंता पायी जा रही है कि सऊदी अरब का ईरान और चीन की तरफ बढ़ता रुझान इस इलाक़े में अमेरिका के हितों के लीये नुकसान दायक है। अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन भी कह चुके हैं कि हम ने असद सरकार के साथ फिर से रिश्ते बहाल कर रहे अपने सहयोगी देशों को चेतावनी दी है।