पिछले दिनों भारत में दो मुस्लिम युवकों को गाय के नाम पर पहले पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया और उसके बाद उन्हीं की गाड़ी में उनको डालकर उस गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया, जिसके कारण दोनों मुस्लिम युवक जलकर राख हो गए। लेकिन ध्यान योग्य बात यह है कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों को जहां गिरफ़्तार करके उनपर कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां प्रशासन, पुलिस और यहां तक कि कट्टरपंथी हिन्दू संगठन उनका बचाव करते दिख रहे हैं। कट्टरपंथी हिन्दू संगठन के लोग तो सड़कों पर उतरकर हत्या के आरोपियों के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। लेकिन इस बीच अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बीजेपी शासित राज्य हरियाणा की पुलिस ने कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के दो लोगों की हत्या के पांच आरोपियों में से एक घर पर दबिश डालने के आरोप में राजस्थान पुलिस के अज्ञात पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मंगलवार को एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर कथित गो रक्षक दल के सदस्य श्रीकांत पंडित के परिवार द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद दर्ज की गई है कि राजस्थान के पुलिसकर्मी 17 फरवरी को उनके घर में घुस गए और उनकी 9 महीने की गर्भवती पत्नी कमलेश पंडित को मारा, जिससे उनका गर्भपात हो गया। राजस्थान पुलिस ने पूरी तरह इन आरोपों का खारिज करते हुए इसे आरोपियों की गिरफ़्तारी में बाधा डालने वाली कार्यवाही बताया है।
राजस्थान पुलिस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि जब वे इस मामले के संबंध में हरियाणा गए तो हरियाणा पुलिस के अधिकारी हमेशा उनके साथ थे। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने यह भी कहा है कि, ‘राजस्थान पुलिस हमेशा अपने हरियाणा समकक्षों के साथ रही है, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार क़ानूनी कार्यवाही की गई है और किसी भी मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं इस घटना के बाद यह बात साफ़ हो गई है कि भारतीय समाज का हर वर्ग धर्म के नाम पर बंटता जा रहा है। अब हद यह हो गई है कि पुलिसकर्मियों को भी एक दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया जा रहा है। इन सभी घटनाओं के देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत में समाजिक तौर पर स्थिति बहुत ही विस्फोटक होती जा रही है। बता दें कि मुस्लिम युवकों की हत्या के मामले के आरोपियों में से तीन के हरियाणा पुलिस के मुख़बिर होने की बात सामने आई है। वहीं, मोनू मानेसर हरियाणा सरकार की गो सुरक्षा टास्क फोर्स का सदस्य है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के घाटमीका गांव के दो निवासी- जुनैद और नासिर 14 फ़रवरी की सुबह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए बोलेरो कार से घर से निकले थे और कभी नहीं लौटे। परिवारों ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों ने जुनैद और नासिर की हत्या कर दी और पुलिस से संपर्क किया। हरियाणा के भिवानी में दोनों के जले हुए शव एक गाड़ी में मिले थे। (RZ)
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