इस्लामी क्रांति की सफलता की 44वीं वर्षगाठ के अवसर पर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई मंगलवार को स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की मज़ार पर गए। वहां पर उन्होंने इस्लामी क्रांति के संस्थापक के प्रयासों को याद किया। इसी के साथ वरिष्ठ नेता, शहीदों विशेषकर शहीद बहिश्ती, शहरी रजाई और शहीद रजाई की क़ब्रों पर भी गए।
ईरान में कल बुधवार अर्थात पहली फरवरी से स्वतंत्रता प्रभात का दशक आरंभ हो रहा है। 44 साल पहले इसी दिन स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के नेतृत्व में ईरान में इस्लामी क्रांति सफल हुई थी। स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी 15 वर्षों के निष्कासन के बाद ईरान वापस पहुंचे थे। ईरान की जनता ने इस दिन उनका भव्य स्वागत किया था।
स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के देश में पहुंचने के दस दिनों के बाद 11 फरवरी 1979 को ईरान की इस्लामी क्रांति सफल हई थी। यही कारण है कि 1 फरवरी से 11 फरवरी के बीच के दस दिनों को ईरान में स्वतंत्रता प्रभात का दशक आरंभ होता है। इस दौरान ईरान की जनता बड़े हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करती है।
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