15 सितंबर 2025 - 13:40
स्नैपबैक मैकेनिज़्म लागू हुआ तो आईएईए से समझौते पर अमल नहीं करेगा ईरान

समझौते के अनुसार ईरान के परमाणु केंद्रों का निरीक्षण केवल तय दायरे में होगा। किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की स्थिति में समझौता रद्द समझा जाएगा।

ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा है कि तेहरान हालिया आईएईए (IAEA) समझौते पर तभी अमल करेगा जब यूरोपीय देश "स्नैपबैक मैकेनिज़्म" के तहत संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियां दोबारा लागू नहीं करेंगे।

ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति समिति के प्रवक्ता इब्राहीम रज़ाई के अनुसार, अराक़्ची ने समिति के सदस्यों से मुलाकात में साफ किया कि समझौते पर अमल संसद के क़ानून और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के फैसलों के तहत होगा। यदि कोई शत्रुतापूर्ण कदम, खासकर स्नैपबैक मैकेनिज़्म लागू किया गया, तो यह समझौता रद्द मान लिया जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि समझौते के अनुसार ईरान के परमाणु केंद्रों का निरीक्षण केवल तय दायरे में होगा। किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की स्थिति में समझौता रद्द समझा जाएगा।

याद रहे कि 25 जून को ईरानी संसद ने सर्वसम्मति से सरकार को IAEA के साथ सभी सहयोग निलंबित करने का कानून पास किया था। यह कदम तब उठाया गया था जब अमेरिका और इज़राइल ने ईरान की परमाणु स्थापनाओं को निशाना बनाया था।

बता दें कि 9 सितंबर को काहिरा में अराक़्ची और IAEA महानिदेशक राफ़ाएल ग्रोसी के बीच नई कार्ययोजना पर सहमति बनी, जिसमें ईरान की सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करने की बात शामिल है।

दूसरी ओर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने 28 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया था कि वे स्नैपबैक मैकेनिज़्म सक्रिय कर रहे हैं ताकि ईरान पर दोबारा सभी पाबंदियां लगाई जा सकें। ईरान ने इस कदम को ग़ैरक़ानूनी करार देते हुए कहा कि यूरोपीय देशों के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि अमेरिका पहले ही जेसीपीओए (JCPOA) से बाहर निकल चुका है और यूरोपीय पक्ष भी अपने वादों को निभाने के बजाय अवैध पाबंदियां लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

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