इस्राईल से रिश्ते सामान्य करने की मुहिम में लाए गए अब्राहम समझौते मे अब पाकिस्तान के शामिल होने की चर्चा भी होने लगी है जिसे इस्लामी उम्मत के लिए सबसे बड़े धोखे के रूप में देखा जा रहा है। अब्राहम समझौते में पाकिस्तान की संभावित एंट्री को लेकर चर्चा तेज है। अगर पाकिस्तान इसमें शामिल होता है, तो इसे पाकिस्तान की तरफ से इस्लामी दुनिया के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात माना जाएगा।
क्या पाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होने की तैयारी कर रहा है? पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के एक बयान के बाद इन अटकलों को और हवा मिल गई है।
अब्राहम समझौता 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता में ज़ायोनी शासन और कई अरब देशों के बीच हुआ था। इसमें UAE, बहरैन, मोरक्को जैसे देशों ने इस्राईल को एक देश के रूप में मान्यता दी थी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने समा टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका की तरफ से अब्राहम समझौते में शामिल होने का दबाव है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दबाव पड़ेगा तो हम अपने राष्ट्रीय हितों को देखकर फैसला लेंगे।
उनके इस बयान ने एक बार फिर इस बहस को जन्म दे दिया कि क्या पाकिस्तान अब इस्राईल से रिश्ते स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहा है?
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